मुंडारी को जनजातीय भाषा में शामिल करने की मांग, कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन
मुंडारी को जनजातीय भाषा में शामिल करने की मांग, कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन


खूंटी, 11 जून (हि.स.)। झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली 2025 में जनजातीय भाषा मुंडारी को शामिल नहीं किए जाने के विराध में खूंटी जिला कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष बसंत सुरीन के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया था कि मुंडा भारत की एक प्रमुख जनजाति है, जो मुख्य रूप से झारखण्ड के छोटानागपुर के खूंटी जिला में निवास करती है।

2011 जनगणना के अनुसार 61.72 फीसदी आबादी मुंडा जनजाति है। यह भारत की सबसे बड़ी अनुसूचित जनजातियों में से एक है। मुंडा लोग आस्ट्रोएशियाटिक भाषा परिवार से संबंधित हैं और उनकी मुख्य भाषा मुंडारी है, जो आस्ट्रोएशियाटिक भाषाओं के मुंडा उपसमूह से संबंधित है। ज्ञापन कहा गया कि खूंटी जिला धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा, गया मुंडा और जयपाल सिंह मुंडा की पवन धरती है। ये सभी महान महापुरुषों ने देशहित राज्य हित में कई महान कार्य किए और राज्य के लिए इनकी कई उपलब्धियां रहा है। ऐसे महापुरुषों के मातृभाषा मुंडारी को झारखंड शिक्षा पत्रता परीक्षा नियमावली 2025 में शामिल नहीं करना मुंडा समाज के साथ धोखा है। मौके पर उपाध्यक्ष सह मीडिया प्रभारी जीतेन सोय, महासचिव आरिफ टोपनो, प्रदेश कांग्रेस सहकारिता विभाग महासचिव नईमुद्दीन खां सांसद प्रतिनिधि धर्मदास मुंडू, कर्रा संसद प्रतिनिधि विक्रम नाग जिला उपाध्यक्ष पांडेय मुंडा, विक्रम सिंह, नेल्सन हेरेंज आदि उपस्थित थे। ज्ञापन की प्रति खूंटी कें विधायक सहित कई अधिकारियों को दी गई।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल मिश्रा