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— धान के प्रक्षेत्र का अवलोकन किया, जानी खेती-किसानी की समस्याएं
वाराणसी,11 जून (हि.स.)। विकसित कृषि संकल्प अभियान में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने बुधवार को यहां पनियरा गांव में किसानों से संवाद किया। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर) की ओर से गांव में आयोजित कार्यक्रम में शामिल केन्द्रीय मंत्री ने किसान लल्लन दुबे के खेत में डायरेक्ट सीडेड राइस (डीएसआर) विधि से लगाए गए धान के प्रक्षेत्र का अवलोकन भी किया। और किसान से इसकी उपयोगिता के विषय में उन्होंने जानकारी प्राप्त की।
केन्द्रीय मंत्री ने एफपीओ एवं किसानों के प्रदर्शित किए गए उनके उत्पादों को भी देखा और इसकी सराहना की। इस अवसर पर उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि वैज्ञानिक किसानों के कल्याण को ध्यान में रखकर शोध करें। किसान वैज्ञानिकों की बात पर भरोसा करता है और वैज्ञानिक भी कड़ी मेहनत से शोध करके किसानों के लिए नई टेक्नोलॉजी विकसित कर रहे हैं। आवश्यकता इस बात की है कि इन तकनीकों को किसानों तक पहुंचाया जाए और इन्हें अपनाने के लिए प्रेरित भी किया जाए। केन्द्रीय मंत्री ठाकुर ने ताप-सहनशील नई प्रजातियों के विकास के लिए भी वैज्ञानिकों से आग्रह किया। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार जीरो बजट फार्मिंग की योजना पर काम कर रही है। खेतों में रासायनिक पेस्टिसाइड का इस्तेमाल कम करना होगा तभी हमें अच्छी और स्वस्थ फसल मिलेगी।
कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री ने 5 चयनित किसानों को सम्मानित किया। 10 किसानों को डिजिटल मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किया ।
आइसीएआर के उप-महानिदेशक डॉ संजय कुमार सिंह ने केन्द्रीय मंत्री के आगमन पर आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ नीरज सिंह ने किया। कार्यक्रम में संस्थान के विभिन्न विभागों के अध्यक्ष डॉ नागेन्द्र राय, डॉ अनंत बहादुर, डॉ ए. एन. सिंह, मीडिया सेल अध्यक्ष डॉ. डी. पी. सिंह, डॉ राकेश दुबे, प्रगतिशील किसान पद्मश्री चंद्रेशखर, ग्राम प्रधान, क्षेत्रीय जन प्रतिनिधि, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. नवीन सिंह और राज्य कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
—केन्द्रीय मंत्री ने पौधरोपण भी किया
पनियरा गांव में कार्यक्रम में भाग लेने के बाद केन्द्रीय मंत्री ने आईआईवीआर कैंपस के 'कृषि अपशिष्ट प्रबंधन इकाई' में 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान के क्रम में चंदन के पौधे को रोपित किया। आईसीएआर के उप-महानिदेशक (हॉर्टिकल्चर) डॉ. संजय कुमार सिंह ने भी साथ में पौधा लगाया। 6 जनपदों के केवीके प्रभारियों के साथ आए प्रगतिशील किसानों ने इस अभियान को लेकर खुशी जाहिर की। और कृषि संबंधी जानकारी पहुंचाने की दिशा में और अधिक प्रभावशाली रूप से लागू करने का आग्रह किया।
पद्मश्री चंद्रेशखर ने कहा कि यह अभियान वास्तव में 'लैब टू लैंड' की नीति को साकार करने में सफल हुआ है। कार्यक्रम में महिला किसानों की उपस्थिति देख केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि किचन गार्डनिंग, मशरूम उत्पादन और मूल्य संवर्धन में महिलाओं की बढ़ती भूमिका कृषि क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है। इस अभियान की सफलता के आधार पर इसे देश के अन्य राज्यों में भी विस्तारित किया जाएगा। उन्होंने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे किसानों की आय दोगुनी करने, जलवायु अनुकूल कृषि और टिकाऊ खेती की दिशा में निरंतर कार्य करते रहें। केन्द्रीय मंत्री ने देशव्यापी कृषि संकल्प अभियान में आईआईवीआर की भूमिका की जानकारी ली। निदेशक डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि आईआईवीआर की अगुवाई में केवीके एवं राज्य सरकार के कृषि विभाग के समन्वय से वैज्ञानिकों ने 6 जनपदों में 13 दिनों में 52,000 से अधिक किसानों से संवाद का क्रम पूर्ण कर लिया है जो अनवरत जारी है। निदेशक ने वैज्ञानिकों से प्राप्त किसानों की समस्याओं से भी केन्द्रीय मंत्री को अवगत कराया।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी