हमास को फंडिंग के आरोप में अमेरिका ने कथित ‘फर्जी’ फिलीस्तीनी चैरिटियों पर लगाया प्रतिबंध
हमास को फंडिंग के आरोप में अमेरिका ने कथित ‘फर्जी’ फिलीस्तीनी चैरिटियों पर लगाया प्रतिबंध


वॉशिंगटन, 10 जून (हि.स.)। अमेरिका ने मंगलवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए मध्य पूर्व, अफ्रीका और यूरोप में फैले पांच लोगों और पांच संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने इन पर हमास के सैन्य विंग को आर्थिक मदद पहुंचाने का आरोप लगाया है। इन संस्थाओं पर यह भी आरोप है कि वे गाजा पट्टी और अन्य क्षेत्रों में मानवीय कार्यों की आड़ में आतंकी फंडिंग कर रह थे।

प्रतिबंधित संस्थाओं में प्रमुख नाम:

--अल-विआम चैरिटेबल सोसाइटी (गाजा स्थित): इस पर आरोप है कि यह हमास के नियंत्रण में है। इसके कार्यकारी निदेशक मोहम्मद सामी मोहम्मद अबू मरेई को भी प्रतिबंधित सूची में शामिल किया गया है।

-- फिलिस्तीन वक्फी (तुर्की आधारित): इस चैरिटी और इसके अध्यक्ष ज़ेकी अब्दुल्ला इब्राहीम अररावी पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं।

-- अन्य देश: अल्जीरिया, नीदरलैंड और इटली में स्थित कुछ अन्य चैरिटियों को भी प्रतिबंधित किया गया है, जिनके हमास या फिलिस्तीनी कट्टरपंथी समूहों से कथित संबंध हैं।

इसके अलावा अमेरिका ने एक और संस्था पर भी कार्रवाई की है, जो फिलिस्तीनी संगठन ‘पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन’ (पीएफएलपी) से जुड़ी बताई जा रही है।

अमेरिकी ट्रेजरी विभाग की 2024 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकी वित्तपोषण के लिए अब ऑनलाइन क्राउड फंडिंग का सहारा लिया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चूंकि अधिकांश ऑनलाइन फंडिंग वैध सामाजिक कार्यों के लिए होती है, इसलिए आतंकी फंडिंग की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि सुरक्षा एजेंसियों को जांच में अधिक जटिलता का सामना करना पड़ रहा है।

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ये प्रतिबंध इस बात का स्पष्ट संदेश है कि अमेरिका आतंकवाद के लिए आर्थिक सहायता के किसी भी रास्ते को बर्दाश्त नहीं करेगा, चाहे वह मानवीय सेवा की आड़ में ही क्यों न हो।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय