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जयपुर, 11 जून (हि.स.)। राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने सक्षम अधिकारी नहीं होने के बावजूद भी महिला ग्राम विकास अधिकारी का निलंबन करने पर पंचायती राज विकास विभाग और जिला परिषद करौली से जवाब तलब किया है। इसके साथ ही अदालत ने निलंबन आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है। अधिकरण के चेयरमेन विकास सीताराम भाले और सदस्य चेतनराम देवड़ा ने यह आदेश पूजा की अपील पर दिए।
अपील में अधिवक्ता विजय पाठक ने अधिकरण को बताया कि अपीलार्थी ग्राम पंचायत खोहरी, करौली में ग्राम विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने गत पांच मई को उसे निलंबित कर दिया। अपीलार्थी की नियुक्ति जिला परिषद की स्थापना समिति के जरिए हुई है। ऐसे में मुख्य कार्यकारी अधिकारी उसे निलंबित करने के लिए सक्षम अधिकारी ही नहीं है। इसके बावजूद भी उसे केवल पंचायती राज विभाग से आए एक पत्र के आधार पर निलंबित किया गया। जबकि निलंबन कार्रवाई से पहले मुख्य कार्यकारी अधिकारी को अपीलार्थी से संबंधित मामले में स्वतंत्र तौर पर जांच करनी चाहिए थी। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया है, जो कि प्राकृतिक न्याय के प्रावधानों के खिलाफ है। ऐसे में अपीलार्थी के निलंबन आदेश को रद्द किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने निलंबन आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक