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मीरजापुर, 11 जून (हि.स.)। वाराणसी में अवैध पंडों पर हुई कार्रवाई के बाद अब मीरजापुर स्थित विन्ध्यवासिनी धाम में भी अवैध पंडों पर शिकंजा कसने की मांग उठने लगी है। पंडा समाज ने प्रशासन से स्पष्ट रूप से कार्रवाई की मांग की है।
माँ विन्ध्यवासिनी के दरबार में इन दिनों दर्शन पूजन से ज्यादा चर्चा अवैध पंडों पर हो रही है। काली खो, अष्टभुजा और मुख्य मंदिर परिसर में बिना अधिकार दर्शन कराने वालों की भरमार से पंडा समाज नाराज़ है।
वाराणसी में अवैध तरीके से श्रद्धालुओं को गुमराह कर दक्षिणा वसूलने वाले 21 लोगों पर हुई कार्रवाई के बाद अब विन्ध्यधाम के पंडों ने भी बिगुल फूंक दिया है। पंडा समाज के पूर्व मंत्री अवनीश मिश्रा ने मंदिर में गैर-पंडों की घुसपैठ को लेकर खुलकर विरोध जताया है। उनका कहना है कि कुछ वैध पंडे खुद के सहायक के रूप में इन लोगों को लेकर आए, लेकिन अब यही लोग पूरे धाम में अवैध पंडागिरी कर रहे हैं।
वहीं, पंडा समाज के सदस्य शनि दत्त पाठक ने मंदिर प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाया गया तो श्रद्धालुओं की आस्था और व्यवस्था दोनों पर असर पड़ेगा।
श्रद्धालुओं के नाम पर 'दक्षिणा दलालों' का यह खेल अब उजागर हो चुका है और पंडा समाज इस बार ठान चुका है कि मंदिर की गरिमा से कोई खिलवाड़ नहीं होने देगा।
क्या है 'पंडा कार्ड सिस्टम'
विन्ध्यवासिनी मंदिर में केवल रजिस्टर्ड पंडों को ही पूजा कराने का अधिकार है। इनके पास एक आधिकारिक कार्ड होता है जो उनकी वैधता प्रमाणित करता है।
क्यों बढ़ रही है समस्या
कुछ वैध पंडों ने अपने सहयोगियों को अवैध रूप से दर्शन कराने की छूट दे दी, जिससे अब पूरी व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई है।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा