विद्यार्थी आभासी दुनिया से बाहर निकलकर मेहनती और कौशलपूर्ण व्यक्तियों को अपना आदर्श बनाएं: संभागायुक्त
शक्तिसेट और कोडिंग कार्यक्रम


- मध्य प्रदेश से चयनित 20 लड़कियां इसरो से 120 घंटे की ले रही है ट्रेनिंग

इंदौर, 11 जून (हि.स.)। संभागायुक्त दीपक सिंह ने कहा कि स्कूली छात्र-छात्राएं सोशल मीडिया की आभासी दुनिया से बाहर निकलकर रियल हीरो के बारे में अध्ययन करें, जो देश को आगे ले जाने के लिये सतत परिश्रम कर रहे है। संभागायुक्त सिंह बुधवार को शासकीय उत्कृष्ट बाल विनय मंदिर में आयोजित शक्तिसेट और कोडिंग कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आज मॉडर्न टेक्नोलॉजी का युग है। जरूरी नहीं कि जो बच्चा वाणिज्य विषय पढ़ेगा वह एमबीए या सीए कोर्स ही करेगा। ऐसा बच्चा साइंस और आर्ट्स के क्षेत्र में भी नवाचार कर सकता है। जहां तक विज्ञान और टेक्नोलॉजी की बात है इसमें भारत बहुत तेजी से प्रगति कर रहा है। आज जो कंपनियां मोबाइल का निर्माण करती है, उसकी लागत बहुत कम आती है। लेकिन वह बाजार में कई गुना अधिक कीमत पर बिकता है। यह मुनाफा मानव मस्तिष्क द्वारा विकसित टेक्नोलॉजी का घोतक है। विज्ञान और टेक्नोलॉजी में जहां आगे बढ़ने के अवसर है, वहीं आर्थिक दृष्टि से भी इसमें अपार संभावनाएं है। कम्प्यूटर के क्षेत्र में कोडिंग कैरियर के उजले अवसर है।

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन ने बताया कि आजकल के बच्चे विज्ञान, गणित, तकनीक और इंजीनियरिंग को एक साथ पढ़ रहे है क्योंकि इसमें आगे बढ़ने के बहुत सारे अवसर है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति मिसाइल मैन डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का एक प्रसंग सुनाकर बताया कि वे पक्षियों को उड़ते हुए देखने के बाद कैसे उन्होंने हवाई जहाज को हवा में उड़ाया।

योजना से जुड़ी माधुरी मोयदे ने बताया कि मिशन शक्ति सेट एक साहसिक परियोजना है, जो स्पेस किड्स इंडिया द्वारा संचालित है। शक्तिसेट विशेषकर लड़कियों को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में जोड़ने के लिए कार्य कर रहा है। इसमें 108 देशों की 1200 लड़कियों को उपग्रह बनाने और उसे चंद्रमा की कक्षा में भेजने के लिये सशक्त बनाना है। इसमें मध्यप्रदेश की 20 लड़कियों का चयनित किया गया है। जिसमें से 6 लड़कियों शासकीय उत्कृष्ट बाल विनय मंदिर की है। इन लड़कियों को 120 घंटे की ट्रेनिंग इसरो द्वारा दी जा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर