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मीरजापुर, 11 जून (हि.स.)। जमीनी विवादों, राजस्व मामलों और लम्बित वादों के त्वरित निस्तारण को लेकर प्रशासन ने अब सख्त रुख अपनाया है। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में हुई राजस्व समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए। अब लापरवाही नहीं चलेगी, हर फाइल का हिसाब देना होगा।
राजस्व से जुड़े विवादों को लेकर जिला प्रशासन अब लक्ष्यबद्ध और उत्तरदायी शासन की राह पर है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट कर दिया है कि अब तारीख पर तारीख नहीं, बल्कि न्याय और समाधान की रफ्तार दिखनी चाहिए।
बिना विवाद वाले प्रकरणों को 45 दिन के भीतर निपटाएं बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि जमीनी मामलों का निस्तारण जितना जल्दी और निष्पक्ष होगा, जन विश्वास उतना ही मजबूत होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि धारा-34 (नामांतरण विवाद) के मामलों में आपत्तियों का गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध निस्तारण हो। 6 महीने से 3 साल तक लम्बित वादों को चिन्हित कर प्राथमिकता से निपटाएं। बिना विवाद वाले प्रकरणों को 45 दिन के भीतर निपटाना अनिवार्य किया जाए।
धारा-67: अर्थदंड वसूली में ढिलाई नहीं चलेगीजिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि राजस्व विभाग को अर्थदंड लगाने के बाद उसकी वसूली में तेजी लानी होगी। उन्होंने निर्देश दिया कि जो भी अधिकारी धारा-67 के अंतर्गत अर्थदंड लगाएं, वे वसूली सुनिश्चित कराएं, अन्यथा कार्यवाही की जाएगी।
तीन से पांच साल से लंबित मुकदमों पर सख्त रुख धारा-24 के अंतर्गत लम्बित विवादों को लेकर जिलाधिकारी ने कहा कि जिन अधिकारियों की अदालतों में तीन से पांच साल से अधिक समय से वाद लम्बित हैं। वे उन्हें शीर्ष प्राथमिकता पर निपटाएं। इस देरी से न सिर्फ जनता परेशान होती है, बल्कि प्रशासनिक छवि भी प्रभावित होती है। समीक्षा बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अजय कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी भू-राजस्व देवेन्द्र प्रताप सिंह, एसडीएम सदर गुलाब चंद्र, चुनार एसडीएम राजेश वर्मा, डिप्टी कलेक्टर शक्ति प्रताप सिंह, सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा