ओखला के बाटला हाउस में अनधिकृत निर्माण गिरेंगे, हाई कोर्ट का रोक लगाने से इनकार
Delhi High Court File Photo


नई दिल्ली, 11 जून (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने ओखला के बाटला हाउस के अनाधिकृत निर्माणों को गिराने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। जस्टिस गिरीश कथपलिया की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने कहा कि जनहित याचिका पर सामान्य आदेश पारित करना निजी पक्षकारों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। हाई कोर्ट ने उन सभी पक्षकारों को तीन दिन के अंदर याचिका दायर करने को कहा, जिन्हें ध्वस्त करने का नोटिस मिल चुका है।

सुनवाई के दौरान डीडीए ने कहा कि बाटला हाउस का पूरा इलाका पीएम-उदय योजना के तहत आता है। डीडीए ने कहा कि खसरा नंबर 279 में 43 बीघा भूमि है, जिसमें से नौ बीघे की भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है। इस पर याचिकाकर्ता और आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्लाह खान की की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि बाकी भूमि पीएम-उदय का हिस्सा क्यों नहीं है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सलमान खुर्शीद से पूछा कि आपकी जनहित याचिका सुनवाई योग्य कैसे है, ये बताएं। तब खुर्शीद ने कहा कि याचिकाकर्ता अमानतुल्लाह खान जनप्रतिनिधि हैं। उन्होंने उन लोगों के लिए याचिका दायर की है, जो खुद याचिका दायर नहीं कर सकते हैं। खुर्शीद ने कहा कि ध्वस्तीकरण पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पूरी तरह पालन नहीं किया जा रहा है। तब कोर्ट ने कहा कि कोई पीड़ित व्यक्ति ही याचिका दाखिल कर सकता है, हम सामान्य आदेश जारी नहीं कर सकते हैं। तब खुर्शीद ने तीन दिनों की मोहलत मांगी और कहा कि पीड़ितों को तीन दिनों के अंदर कानूनी विकल्प आजमाने का मौका दिया जाए। तब कोर्ट ने तीन दिनों के अंदर उन सभी पीड़ित लोगों को तीन दिन के अंदर याचिका दाखिल करने का निर्देश दिया।

हाई कोर्ट ने 30 मई को बाटला हाउस के खीजर बाबा कॉलोनी के 115 निवासियों की संपत्तियों पर बुलडोजर कार्रवाई पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी थी। जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। इसके पहले हाई कोर्ट ने जंगपुरा के मद्रासी कैंप की झुग्गियों को हटाने का आदेश दिया था, जिसके बाद वहां से झुग्गियों को हटाया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/संजय

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / प्रभात मिश्रा