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रांची, 11 जून( हि.स.)। जमशेदपुर में हुए 800 करोड़ रुपये के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) घोटाले के जरिये मनी लॉन्डिंग के आरोपित कारोबारी विक्की भालोटिया उर्फ अमित अग्रवाल की जमानत याचिका पर पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश के कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। मामले में कोर्ट ने ईडी से जवाब मांगा है , अगली सुनवाई 19 जून को होगी।
यह मामला शेल कंपनियों के नाम पर जीएसटी इंट्री कर 800 करोड़ से अधिक के फर्जीवाड़े से जुड़ा है। मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ईसीआईआर दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया है। ईडी ने अब तक चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनमें शिवकुमार देवड़ा, जमशेदपुर के जुगसलाई का कारोबारी विक्की भालोटिया, कोलकाता के कारोबारी अमित गुप्ता और मोहित देवड़ा शामिल हैं। वर्तमान में ये रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं।
शिव कुमार देवड़ा, सुमित गुप्ता और अमित गुप्ता सहित अन्य आरोपितों पर लगभग 14,325 करोड़ के फर्जी चालान बनाने का आरोप है, जिसके परिणामस्वरूप 800 करोड़ से अधिक के अयोग्य दावे किए गए थे। इस तरह सरकार को राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ा था। इस मामले में जीएसटी इंटेलीजेंस ने पूर्व में कार्रवाई की थी। तब जीएसटी अधिकारी दिनेश सिंह के बयान पर केस दर्ज कर शिव कुमार देवड़ा, सुमित गुप्ता व अमित गुप्ता को जेल भेज दिया गया था। सुमित और अमित गुप्ता जमशेदपुर के रहने वाले हैं।
दरअसल, ईडी को इससे जुड़े साक्ष्य भी मिले हैं। जांच से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, 90 से अधिक शेल कंपनियों के जरिए जीएसटी चोरी को अंजाम दिया गया था।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे