Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
जयपुर, 11 जून (हि.स.)। साइबर अपराधी लगातार अपनी चालें बदल रहे हैं। इसी कड़ी में राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) के माध्यम से होने वाली एक नई किस्म की धोखाधड़ी को लेकर आमजन के लिए एडवाइजरी जारी की है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे इस नए जाल से सावधान रहें और अपनी गाढ़ी कमाई को सुरक्षित रखें।
पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम शांतनु कुमार ने बताया कि साइबर अपराधी अब एक नया तरीका अपना रहे हैं। वे आपके मोबाइल पर बैंक या यूपीआई पोर्टल का एक संदिग्ध टेक्स्ट एसएमएस भेजते हैं। इस मैसेज में अक्सर यह लिखा होता है कि आपके बैंक या यूपीआई अकाउंट में किसी दूसरे खाते से कुछ राशि जमा हो गई है। मैसेज भेजने के तुरंत बाद ठग आपको एक कॉल कर खुद को उस व्यक्ति के रूप में पेश करता हैं जिसने गलती से पैसे भेज दिए हैं और आपको विश्वास दिलाता हैं कि उन्होंने गलती से आपके खाते में अधिक राशि क्रेडिट कर दी है। दैनिक जीवन की भागदौड़ में कई लोग बिना अपना अकाउंट स्टेटमेंट चेक किए ही इस मैसेज पर भरोसा कर लेते हैं। गलती या जल्दबाजी में ठगों के बताए गए बैंक खाते या यूपीआई आईडी पर पैसे ट्रांसफर कर देते हैं। कुछ मामलों में अपराधी यह बहाना बनाकर पीड़ितों से 2-3 बार ट्रांजेक्शन करवा लेते हैं कि पिछला मनी ट्रांसफर उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है। इस नई साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए राजस्थान पुलिस ने कुछ अहम सुझाव दिए हैं। यदि आपको किसी मोबाइल नंबर से क्रेडिट का मैसेज मिलता है, तो सावधान हो जाएं, आमतौर पर, बैंकों द्वारा क्रेडिट किए गए मैसेज में मोबाइल नंबर नहीं, बल्कि एक बैंक कोड होता है। सिर्फ मैसेज पर भरोसा न करें। इस तरह का कोई भी मैसेज मिलने पर तुरंत अपना बैंक अकाउंट स्टेटमेंट या यूपीआई ऐप में ट्रांजैक्शन हिस्ट्री चेक करें ताकि यह पुष्टि हो सके कि वास्तव में कोई राशि क्रेडिट हुई है या नहीं।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश