केन्द्र ने खाद्य तेलों पर घटाया आयात शुल्क, उपभोक्ताओं को लाभ
self-sufficiency in edible oils and reducing dependence on imports.


नई दिल्ली, 11 जून (हि.स.)। केन्द्र सरकार ने सूरजमुखी, सोया और पाम जैसे कच्चे खाद्य तेलों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 20 प्रतिशत से घटा कर 10 प्रतिशत कर दिया है। इससे कच्चे और परिष्कृत तेलों के बीच आयात शुल्क में अंतर 8.75 प्रतिशत से बढ़ कर 19.25 प्रतिशत हो गया है।

उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार यह फैसला सितंबर 2024 में हुई शुल्क वृद्धि और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में उछाल के कारण घरेलू स्तर पर बढ़ती खाद्य तेल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए लिया गया है। सरकार ने तेल उद्योग और संघों को परामर्श जारी किया है कि शुल्क में कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाए।

मंत्रालय का कहना है कि 19.25 प्रतिशत का शुल्क अंतर घरेलू रिफाइनिंग को प्रोत्साहित करेगा और परिष्कृत तेलों के आयात को घटाएगा। इससे घरेलू उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को भी उचित मूल्य मिल सकेगा। खाद्य तेलों पर आयात शुल्क, तेल की लैंडेड कॉस्ट और खुदरा कीमतों को प्रभावित करता है। शुल्क में कटौती से खुदरा मूल्य घटेगा और महंगाई पर अंकुश लगेगा। यह नीति निर्णय घरेलू रिफाइनरों को बराबरी का मौका देगा और उपभोक्ताओं के लिए कीमतों को स्थिर बनाएगा।

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव की अध्यक्षता में तेल उद्योग संघों के साथ बैठक में यह निर्णय लिया गया। सभी कंपनियों को तुरंत प्रभाव से अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) और वितरक मूल्य (पीटीडी) में कमी करने का निर्देश दिया गया है। ब्रांडवार अपडेटेड एमआरपी शीट विभाग को साप्ताहिक आधार पर देने के लिए कहा गया है।

----

हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा