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नई दिल्ली, 11 जून (हि.स.)। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्वीडन के स्टॉकहोम में हुए अंतरराष्ट्रीय चुनावी साख सम्मेलन में भारत की चुनाव प्रणाली की मजबूती, पारदर्शिता और विविधता को वैश्विक मंच पर रेखांकित किया। यह सम्मेलन इंटरनेशनल आइडिया संस्था द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें लगभग 50 देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
उन्होंने बताया कि भारत में चुनाव प्रक्रिया दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक गतिविधि है। 2024 के आम चुनाव में लगभग 98 करोड़ मतदाता थे, 10.5 लाख मतदान केंद्र बनाए गए और 62 लाख ईवीएम मशीनें इस्तेमाल की गईं। चुनाव आयोग ने 743 राजनीतिक दलों के 20,271 उम्मीदवारों के साथ चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न किया।
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि भारत में चुनाव राजनीतिक दलों, मीडिया, पर्यवेक्षकों और पुलिस की निगरानी में होते हैं। इस दौरान लगभग 2 करोड़ से अधिक कर्मचारी तैनात रहते हैं, जिससे यह दुनिया की सबसे बड़ी कार्यबल वाली संस्था बन जाती है।
उन्होंने भारत की मतदाता सूची प्रक्रिया को दुनिया की सबसे पारदर्शी प्रणाली बताया। 1960 से हर वर्ष राजनीतिक दलों के साथ मतदाता सूची साझा की जाती है, जिसमें दावे, आपत्तियां और अपील की पूरी प्रक्रिया होती है। उन्होंने कहा कि भारत हर मतदाता की भागीदारी सुनिश्चित करता है। चाहे वह पहली बार वोट देने वाला हो, वरिष्ठ नागरिक हो, दिव्यांग हो या दुर्गम क्षेत्र में रहने वाला हो।
सम्मेलन के दौरान उन्होंने 12 देशों के चुनाव आयुक्तों से द्विपक्षीय चर्चा भी की। इन बैठकों में प्रवासी मतदान, चुनावी तकनीक और संस्थागत सहयोग जैसे विषयों पर विचार-विमर्श हुआ।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा