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रियो डी जनेरियो, 10 जून (हि.स.)। ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो मंगलवार को देश की सर्वोच्च अदालत के समक्ष एक कथित तख्तापलट योजना में पहली बार गवाही देने के लिए पेश हुए। यह मामला वर्ष 2022 के राष्ट्रपति चुनाव परिणाम को पलटने और सत्ता में बने रहने की कथित साजिश से जुड़ा है।
सुप्रीम कोर्ट की एक विशेष पीठ इस बहुचर्चित मामले की सुनवाई कर रही है, जिसमें बोल्सोनारो सहित उनके सात प्रमुख सहयोगियों पर पांच गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोपों में तख्तापलट की कोशिश, सशस्त्र आपराधिक संगठन में संलिप्तता, लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था को बलपूर्वक समाप्त करने का प्रयास, राष्ट्रीय धरोहर को नुकसान पहुंचाना और उसकी क्षति करना शामिल है। अगर बोलसोनारो पर तख्तापलट का आरोप सिद्ध होता है, तो उन्हें 12 साल तक की जेल की सजा हो सकती है, और अन्य आरोपों के साथ कुल सजा कई दशकों तक बढ़ सकती है।
पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। उनके साथ पूर्व रक्षा मंत्री और उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार वॉल्टर ब्रागा नेटो, पूर्व मंत्री एंडरसन टोरेस, ऑगस्टो हेलेनो और पूर्व सहयोगी मौरो सिड जैसे प्रमुख नाम भी इस मामले में आरोपित हैं।
हालांकि बोल्सोनारो के पूर्व सहयोगी मौरो सिड ने पुलिस से गोपनीय समझौता (प्ली बार्गेन) किया है और अदालत में गवाही देते हुए बताया कि बोल्सोनारो ने उस दस्तावेज को पढ़ा और संपादित किया था, जिसमें चुनाव परिणाम को अमान्य करने की योजना थी।
सिड ने यह भी दावा किया कि बोल्सोनारो ने अपने समर्थकों द्वारा सेना मुख्यालयों के बाहर लगाए गए शिविरों में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। यही समर्थक बाद में 08 जनवरी 2023 को ब्रासीलिया में हुई हिंसा में शामिल पाए गए, जब सुप्रीम कोर्ट, संसद और राष्ट्रपति भवन पर हमला किया गया।
ब्राजील के अटॉर्नी जनरल पाउलो गोनेट ने अदालत में दावा किया कि यह दंगा उस बड़े षड्यंत्र का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य चुनाव परिणाम को पलटना था। उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एलेक्जेंडर डी मोराइस की हत्या की भी योजना थी, जो अंतिम क्षणों में इसलिए टल गई क्योंकि सेना प्रमुख ने इसमें सहयोग नहीं किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय