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नई दिल्ली/गुवाहाटी, 11 जून (हि.स.)। बीएसएफ जवानों की यात्रा के लिए जर्जर ट्रेन मुहैया कराने के पांच दिन पुराने मामले में अलीपुरद्वार कोचिंग डिपो के चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। जवानों को गंतव्य तक जाने के लिए दूसरी ट्रेन भी मुहैया कराई गयी।
बीएसएफ के 1200 जवानों को 6 जून को त्रिपुरा से अमरनाथ जाना था। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने जो ट्रेन जवानों को मुहैया कराई उसमें खिड़कियां-दरवाजे टूटे थे। ट्रेन का वीडियो भी अब सामने आया है। इसमें टॉयलेट टूटा हुआ दिख रहा है है, लाइट नहीं है। सीटों पर गद्दियां भी गायब हैं। फर्श पर कॉकरोच दिखाई दे रहे हैं। जवानों ने इस ट्रेन पर चढ़ने से ही इनकार कर दिया था।
रेल मंत्री वैष्णव ने आज नई दिल्ली स्थित नेशनल मीडिया सेंटर में पत्रकारों से कहा कि त्रिपुरा से कश्मीर ड्यूटी पर जा रहे बीएसएफ जवानों के लिए पुरानी ट्रेन की तैनाती से जुड़ी घटना को गंभीरता से लिया गया है। इस चूक के लिए अलीपुरद्वार डिवीजन के चार अधिकारियों को आज से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। ये अधिकारी अलीपुरद्वार मंडल से हैं, जिनमें अलीपुर कोचिंग डिपो के कोचिंग डिपो अधिकारी और अलीपुर मंडल के तीन सीनियर सेक्शन इंजीनियर शामिल हैं।
रेल मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि सुरक्षा बलों की गरिमा और सुविधा सर्वोपरि है और इस प्रकार की लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। रेल मंत्रालय द्वारा इस पूरे प्रकरण की जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि बीएसएफ जवानों की यात्रा के लिए दूसरी ट्रेन मुहैया करा दी गयी है। हालांकि सुरक्षा कारणों से ट्रेन की टाइमिंग का खुलासा नहीं किया गया।
बीएसएफ के 1200 जवानों में त्रिपुरा फ्रंटियर, गुवाहाटी फ्रंटियर और एमएंडसी फ्रंटियर कंपनियां शामिल हैं। इन सभी कंपनियों के 1200 जवानों को अमरनाथ यात्रा की ड्यूटी के लिए रवाना होना था। यह स्पेशल ट्रेन उदयपुर रेलवे स्टेशन (त्रिपुरा) से 6 जून को जम्मू तवी रेलवे स्टेशन के लिए चलनी थी। उदयपुर (त्रिपुरा), आमबासा (त्रिपुरा), बदरपुर (असम), ग्वालपारा (असम) और कूचविहार (पश्चिम बंगाल) रेलवे स्टेशन से बीएसएफ जवानों को 'स्पेशल ट्रेन' में सवार होना था। इस बीच बीएसएफ द्वारा आपत्ति दर्ज कराने के बाद 6 जून को रवाना होने वाली ट्रेन को रद्द कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि अमरनाथ यात्रा पहली बार 38 दिन की हो रही है। इस बार यह तीन जुलाई से नौ अगस्त तक चलेगी। इस साल यात्रा की अवधि पिछले साल के 52 दिनों के मुकाबले घटाकर 38 दिन कर दी गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय