अयोध्या में मां सरयू का अवतरण दिवस धूमधाम से मनाया गया
अयोध्या में मां सरयू का अवतरण दिवस धूमधाम से मनाया गया


अयोध्या, 11 जून (हि.स.)। पवित्र नगरी अयोध्या में बुधवार को मां सरयू का धरा अवतरण दिवस श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर श्री 13 वां सरयू जयंती महोत्सव का भी भव्य समापन हुआ। श्री श्री आञ्जनेय सेवा संस्थान ने सरयू तट को फूलों से आकर्षक रूप से सजाया, जहां 5151 दीपों के साथ महाआरती का आयोजन हुआ। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने मां सरयू की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। ज्येष्ठ पूर्णिमा के पावन अवसर पर सुबह से ही अयोध्या में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। देश के कोने-कोने से आए भक्तों ने मां सरयू में स्नान कर दान-पुण्य किया। इसके बाद हनुमानगढ़ी और श्री राम मंदिर में दर्शन-पूजन का सिलसिला दिनभर चलता रहा। श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था, जो मां सरयू के प्रति अपनी अटूट आस्था और भक्ति के साथ इस पवित्र अवसर का हिस्सा बने। शाम के समय सरयू तट पर आयोजित कार्यक्रम ने सभी का मन मोह लिया। भव्य झांकी सजाई गई, जिसमें मां सरयू के अवतरण की कथा को दर्शाया गया। 5151 दीपों से सजी महाआरती ने तट को प्रकाशमय कर दिया। भक्ति भजनों और मंत्रोच्चार के बीच श्रद्धालुओं ने मां सरयू की आराधना की। उसकी के साथ सवा कुंटल दूध से मां सरयू का महा अभिषेक किया गया। इस दौरान स्थानीय लोग और पर्यटक भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे, जिन्होंने इस आध्यात्मिक आयोजन की भव्यता की सराहना की। सरयू... सलिला सुरसरि पावन,

रामसिंहासन की सुखदावन।

तन-मन पावन करे बिलोकी,

भक्तों की बिगड़ी करे संजोई॥

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

इससे पहले 5 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी श्री सरयू जयंती महोत्सव में शिरकत की थी। उन्होंने मां सरयू के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि जन्मोत्सव के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। उनके निर्देशों का पालन करते हुए प्रशासन ने इस बार सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

महोत्सव का उद्देश्य मां सरयू के प्रति लोगों में आस्था को गहरा करना : शशिकांत

श्री आञ्जनेय सेवा संस्थान के महंत शशिकांत ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य मां सरयू के प्रति लोगों में आस्था को और गहरा करना है। भक्ति भाव से मां सरयू का सवा कुंटल दूध से महा अभिषेक किया। इस अवसर पर वैदिक मंत्रोच्चार और भजन-कीर्तन के साथ भक्तों ने पुण्य लाभ अर्जित किया। यह आयोजन सरयू जयंती या विशेष पर्व के अवसर पर श्रद्धा और आस्था का प्रतीक बना। उन्होंने कहा कि सरयू नदी अयोध्या की जीवनरेखा है और इसका संरक्षण हम सभी का कर्तव्य है। इस दौरान नदी संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए भी कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।

हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय