उपलब्धि: वाराणसी की 104 चिकित्सा इकाईयां हुई 'एनक्वास' सर्टिफाइड
मुख्य चिकित्सा अधिकारी


—देश व प्रदेश में यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला जिला बना वाराणसी

वाराणसी,11 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सामुदायिक स्तर पर चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाएं विस्तारित और सुदृढ़ हो रही है। ‘आरोग्यं परमं धनम्’ को ध्यान में रखते हुए घर के नजदीक ही संचालित किए जा रहे आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से समुदाय में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच भी बढ़ रही है। वहीं, उच्च स्तरीय चिकित्सालयों में चिकित्सकीय सेवाओं में विस्तार के साथ- साथ गुणवत्तापूर्ण सेवा को देख भारत सरकार ने जनपद के 104 चिकित्सा इकाईयों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड (एनक्वास) सर्टिफाइड किया है।

बुधवार को यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी। उन्होंने बताया कि जिले की कुल 104 चिकित्सा इकाईयों में श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोलापुर ,10 शहरी एवं ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा 92 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (स्वास्थ्य उपकेंद्र) को अब तक राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों (एनक्वास) से प्रमाणित किया गया है, जो पूरे राज्य और देश में एक नया मानक है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता, समर्पित प्रयासों और स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता को बताती है। उन्होंने चिकित्सा इकाईयों को इस योग्य बनाने में लगे डॉ वाई बी पाठक, क्वालिटी एश्योरेंस के मंडलीय सलाहकार डॉ तनवीर सिद्दकी, अन्य चिकित्सकों , स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों, ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधकों, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ,एएनएम समस्त स्वास्थ्य कर्मियों को बधाई दी।

सीएमओ ने कहा कि वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र के अन्य सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर ने ‘एनक्वास’ के लिए नामांकन किया है। इसके साथ ही शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का भी कायाकल्प और एनक्वास को लेकर मूल्यांकन प्रक्रिया की जा रही है। धीरे-धीरे वाराणसी के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, सीएचसी व पीएचसी को एनक्वास सर्टिफ़ाइड व कायाकल्प का दर्जा मिलेगा, जिससे समुदाय को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं भी मिल सकेंगी।

—यह हैं निर्धारित सात मानक

आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को भारत सरकार की ओर से निर्धारित सात मानकों यथा केयर इन प्रेग्नेंसी एंड चाइल्ड बर्थ, निओनेटल एंड इंफेंट हेल्थ सर्विसेज़, चाइल्डहूड एंड एडोलसेंट हेल्थ सर्विसेज़, फैमिली प्लानिंग, मैनेजमेंट ऑफ कम्यूनिकेबल डीजीज़, मैनेजमेंट ऑफ सिम्पल इलनेस इनक्लूडिंग माइनर एलीमेंट्स एवं मैनेजमेंट ऑफ नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज़ पर बेहतर स्कोर प्राप्त हुए हैं। किशोरी के परामर्श से लेकर गर्भावस्था, प्रसव पूर्व जांच व देखभाल, प्रसव पश्चात देखभाल, नवजात शिशु देखभाल, सम्पूर्ण टीकाकारण, परिवार नियोजन की स्थायी व अस्थायी सेवाएँ, संचारी व गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग, जांच, परामर्श आदि के साथ ही जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इसके लिए सभी सीएचओ, एएनएम, संगिनी और आशा कार्यकर्ताओं को बेहतर तरीके से प्रशिक्षित किया गया है, जिससे वह सभी मानकों को पूरा कर सकें।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी