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भोपाल, 10 जून (हि.स.)। खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए बुधवार, 11 जून की रात बेहद खास होने जा रहे है। इस दौरान आसमान में अलग ही नजारा देखने को मिलेगा। आप पूर्णिमा की रात आसमान में स्ट्राबेरी मून को चांदनी बिखेरते हुए देखेंगे।
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने मंगलवार को इस खगोलीय घटना की जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार की शाम पश्चिम में सूर्य के ढ़लते ही पूर्वी आकाश में पूनम का चंद्रमा उदित होगा। इसे स्ट्राबेरी मून नाम दिया गया है, जो कि पश्चिमी देशों में इस समय पकने वाली जंगली स्ट्राबेरी के कारण रखा गया है। पूर्णिमा की ठीक खगोलीय स्थिति दोपहर 1 बजकर 13 मिनिट पर होगी। उस समय भारत में दिन चल रहा होगा।
सारिका ने बताया कि कुछ देशों में इसे हॉट मून, रोज़ मून, मीड मून कहा जाता है। सूर्यास्त के बाद आप इसे पूर्व दिशा में उदित होता हुआ देख पाएंगे, जो कि मध्यरात्रि में आपके सिर के उपर आकर सुबह सबेरे पश्चिम में अस्त हो जायेगा। इस पूर्णिमा पर चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी चार लाख किमी से अधिक होने के कारण यह अपेक्षाकृत छोटा ही दिखेगा।
उन्होंने बताया कि पूर्णिमा का चांद महने के बदलने और मौसम की जानकारी का समय बताने आकाशीय घड़ी के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। लगभग हर 20 साल में स्ट्राबेरी मून और समर सोलिस्टस की घटना एक साथ होती है। अगले साल स्ट्राबेरी मून 30 जून 2026 को होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर