सात वर्ष के कठिन इंतजार के बाद मिला न्याय
सात वर्ष के कठिन इंतजार के बाद मिला न्याय


बाराबंकी, 10 जून (हि.स.)। पुरानी रंजिश में की गई हत्या के एक मामले में सात वर्ष बाद जिला न्यायाधीश प्रतिमा श्रीवास्तव ने हत्या के मुकदमें का फैसला सुनाया। सभी आधा दर्जन लोगों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को दस हजार रूपये अर्थ दण्ड से दण्डित किया।

जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अमित कुमार अवस्थी, सहायक शासकीय अधिवक्ता आशीष शरण गुप्ता ने अभियोजन कथानक का ब्योरा देते हुए बताया कि 2 मार्च 2018 को गांव खुर्दा थाना रामनगर बाराबंकी निवासी कुलदीप चौहान अपनी पत्नी सावित्री देवी को उसके मायके ग्राम मरका मऊ थाना बदोसराय छोड़ने गया था, वहीं से वापस आते समय ग्राम खुर्दा निवासी हरिश चन्द्र, विनोद पुत्र गण नन्हू, लल्लन वा पप्पू पुत्रगण रामसुमिरन तथा पिंटू व उत्तम ने मिलकर वादिनी जायत्री के पति कुलदीप चौहान की योजनाबद्ध तरीके से हत्या कर लाश पेड़ में लटका दी थी। यह हत्या काफी दिन तक पुलिस के लिए पहेली बनी रही। काफी दिन बाद पुलिस ने घटना का पर्दाफाश किया था। न्यायालय ने सुनवाई पूरी करने के बाद सभी आरोपियों को हत्या का दोषी करार देते हुए सभी आधा दर्जन लोगों को आजीवन कारावास की सजा व प्रत्येक को 10 हजार अर्थ दण्ड से दण्डित किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज कुमार चतुवेर्दी