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नई दिल्ली, 10 जून (हि.स)। केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को विनियामकों और विभागों से समन्वित बहु-एजेंसी विशेष जिला स्तरीय शिविरों का आयोजन करके दावा न किए गए धन के असली मालिकों को धन वापसी की प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने सभी संस्थानों में अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) मानदंडों को सरल बनाने पर जोर दिया।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुंबई में आयोजित वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की 29वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। अपने संबोधन में वित्त मंत्री ने आम नागरिकों के हितों की रक्षा करने और अधिक उत्तरदायी वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सुधारों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एफएसडीसी भारत में वित्तीय क्षेत्र के व्यापक विकास के लिए अंतर-नियामक समन्वय को और मजबूत करेगा। इस बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी भी मौजूद रहे।
वित्त मंत्री ने विनियामकों और विभागों से समन्वित बहु-एजेंसी विशेष जिला स्तरीय शिविरों का आयोजन करके दावा न की गई राशि के वास्तविक मालिकों को धन वापसी की प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया। सीतारमण ने कहा कि आम नागरिकों के हितों को ध्यान में रखा जाना चाहिए और वास्तविक दावेदारों के दावों को वापस किया जाना चाहिए। उन्होंने एफएसडीसी से वित्तीय क्षेत्र में निर्बाध केवाईसी प्रक्रियाओं के लिए आगे सक्रिय कदम उठाने का आग्रह किया, ताकि उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाया जा सके।
सीतारमण ने एफएसडीसी की बैठक में अन्य बातों के साथ-साथ विनियमों की जवाबदेही बढ़ाने, दावा न की गई संपत्तियों में कमी लाने और रिफंड में तेजी लाने, केवाईसी प्रक्रिया को सरल और डिजिटल बनाने, निवेश अनुपात बढ़ाने, फैक्टरिंग सेवाओं में और सुधार करने तथा अकाउंट एग्रीगेटर नेटवर्क को बेहतर बनाने पर चर्चा की। इस बैठक में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) गवर्नर संजय मल्होत्रा और पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे और मुख्य आर्थिक सलाहकार भी मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर