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नई दिल्ली, 10 जून (हि.स)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) यानी मुदा घोटाला से जुड़े मामले में बेंगलुरु में 92 भूखंडों को अस्थायी रूप से जब्त किया है, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग 100 करोड़ रुपये है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत की गई है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने कहा कि इस घोटाले में मंगलवार को एक बयान में बताया कि अब तक जब्त की गई कुल संपत्तियों की राशि 400 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच चुकी है। केंद्रीय एजेंसी के मुताबिक यह ताजा कार्रवाई चल रही जांच का हिस्सा है, जिसमें अबतक 400 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की जा चुकी हैं। ईडी ने आरोप लगाया है कि ये संपत्तियां हाउसिंग कोऑपरेटिव सोसाइटीज और व्यक्तियों जैसे संस्थाओं के नाम पर पंजीकृत हैं, जो मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों सहित प्रभावशाली व्यक्तियों के लिए मुखौटा या डमी हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि उसने सिद्धारमैया और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत लोकायुक्त पुलिस मैसूर द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर अपनी जांच शुरू की थी। ईडी की जांच में मुदा साइटों के आवंटन से जुड़े बड़े पैमाने पर घोटाले का पता चला है। एजेंसी का दावा है कि फर्जी आवंटन करने के लिए वैधानिक प्रावधानों और सरकारी आदेशों या दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर