अफीम की खेती को पूरी तरह से खत्म करना हमारा लक्ष्य : स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री
कार्यक्रम को संबोधित करते स्वास्थ्य मंत्री  इरफान अंसारी


रांची, 10 जून (हि.स.)। स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफ़ान अंसारी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड को नशा मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। इसके तहत राज्‍य भर में नशा मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है। 10 जून से शुरू इस कार्यक्रम का समापन 26 जून को मोरहाबादी मैदान में किया जाएगा। डॉ अंसारी मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में नशा मुक्ति अभियान के तहत आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

मंत्री ने कहा कि झारखंड में सबसे ज़्यादा युवा नशे की चपेट में है। हमें झारखंड के लोगों को नशे की चपेट से बाहर निकलना है। उन्होंने गुटखा खाने के दुष्परिणाम के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि लोगों को नशे के दुष्परिणाम के बारे में जागरूक करने की जरूरत है। यह जागरूकता वाहन लोगों को नशा के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक करेगा।

अभियान का उद्देश्य युवाओं को नशे की लत से बाहर निकालना

मंत्री ने कहा कि झारखंड के विभिन्न जिलों खासकर रांची, खूंटी में अफ़ीम की खेती की रोकथाम के लिए कार्रवाई की गई है। उन्‍होंने कहा कि नशे के खिलाफ हमारा प्रयास जारी है और काफी हद तक इसमें रोक लगाने में सफलता भी पाई है, लेकिन हमारा लक्ष्य अफीम की खेती को पूरी तरह से खत्म करना है। अफीम की खेती का बड़े पैमाने पर विनष्टीकरण किया गया है, जो सरकार की उपलब्धि है। मंत्री ने कहा कि नशा सामाजिक, मानसिक और आर्थिक रूप से लोगों को बर्बाद कर रहा है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं और लोगों को नशे की लत से बाहर निकालना है। अभियान के तहत सभी जिलों में प्रचार वाहन जाएंगे, स्कूलों और कॉलजो में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके पूर्व उन्होंने सभी जिलों में नशा के खिलाफ जागरूकता लाने के लिए सभी जिलों के लिए जागरूकता प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

राज्‍यवासियों को मिलेगी दो रिम्स की सौगात

डॉ इरफ़ान ने कहा झारखंड को जल्द ही रिम्स-दो की सौगात मिलेगी। साथ ही यहां छह नये मेडिकल कॉलेज और दो टेस्टिंग लैब भी खुलेंगे। ताकि यहां के लोगों को बाहर इलाज के लिए परेशान न होना पड़े। साथ ही राज्य के स्वास्‍थ्‍य विभाग से संबंधित इन्फ्रास्ट्रक्चर्स को मजबूत किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि नशा सभी बीमारियों की जड़ है, नशे के चक्कर में पड़ कर युवा कम उम्र में ही इसकी गिरफ्त में ही अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं। हमें उन्हें जागरूक करना होगा। यह सिर्फ 14 दिन का कार्यक्रम नहीं है बल्कि यह कार्यक्रम पूरे साल भर चलना चाहिए।

मौके पर गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने कहा कि झारखंड में निषिद्ध मादक पदार्थों के दुरुपयोग की समस्या से हम सब परिचित हैं। नशा में पड़ कर लोग वित्तीय तनाव, घरेलू हिंसा और जैसी समस्याओं का सामना करने लगते हैं, इतना ही नहीं आपराधिक गतिविधियों में भी शामिल हो जाते हैं, जो समाज और कानून व्यवस्था के लिए चुनौती पैदा करती है।

उन्होंने कहा कि अफ़ीम की खेती मुख्य रूप से राज्‍य के खूंटी, रांची, लातेहार और अन्य जिलों में होती है।

इस अवसर पर मंत्री इरफान अंसारी के अलावे कई अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar