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जबलपुर, 10 जून (हि.स.)। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय कुलगुरु चेंबर में एक महिला अधिकारी के साथ हुई अभद्रता मामले में एमपी हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित की गई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी ने सीसीटीवी कैमरों के इंचार्ज ‘बाबू’ से पूछताछ की। जानकारी के मुताबिक विशेष जांच दल ने सहायक ग्रेड-3 लिपिक विभु पांडे को बुलाया था। विभु पांडे 28 नवंबर तक कुलगुरु कार्यालय में पदस्थ थे और उनके पास ही सीसीटीवी कैमरों से जुडे़ कार्य थे। एसआइटी का जांच का अहम बिंदू भी यही है कि 21 नवंबर को कुलगुरु कार्यालय में हुए घटनाक्रम के दौरान चेंबर के सीसीटीवी कैमरे बंद थे या फिर चालू, अगर चालू थे तो उनकी रिकार्डिंग कहां गई। शिकायत करने वाली महिला अधिकारी ने सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को कोर्ट में अहम सबूत बताया है।
उल्लेखनीय है कि आरडीयू की एक महिला कर्मचारी ने कुलगुरु प्रो राजेश वर्मा पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए एक शिकायत राजभवन, उच्च शिक्षा विभाग सहित अन्य पक्षों से की थी। महिला अधिकारी का आरोप था कि 21 नवंबर को वीसी चेंबर में एक बैठक के दौरान उन्हें अभद्र इशारे किए गए। जिसे वीसी चेंबर में लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग में देखा जा सकता है।
महिला अधिकारी ने सीसीटीवी फुटेज को अहम सबूत बताते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन से फुटेज दिए जाने की मांग भी की थी, लेकिन जब लंबा समय बीत जाने के बाद भी न तो जांच हुई और न ही फुटेज मिले तो उक्त महिला अधिकारी ने एमपी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए जांच कराए जाने की मांग रखी। कोर्ट में सुनवाई यह बात संज्ञान में आयी कि उक्त घटनाक्रम को लेकर गठित की गई दो अलग-अलग कमेटियां किसी न किसी तरह से प्रभावित हो रहीं हैं। कोर्ट ने जांच कमेटियों की रिपोर्ट पर सवाल करते हुए डीजीपी को निर्देश दिए कि एसआईटी गठित कर पूरे मामले की जांच करायी जाए।
एसआईटी को 16 जून तक अपनी रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करना है। इस बीच उक्त मामले में अहम गवाह मानी जा रही सहायक कुलसचिव सुनीता देवड़ी का सोमवार की देररात तबादला कर दिया गया है। सहायक कुलसचिव को शहडोल के पं. शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय भेजा गया है। वहीं पं. शंभुनाथ विश्वविद्यालय में पदस्थ रहे पवन साहू का तबादला RDVV कर दिया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक