ब्रिटेन समेत पांच देशों ने इजराइल के दो कट्टरपंथी मंत्रियों पर लगाए प्रतिबंध, वेस्ट बैंक में हिंसा भड़काने का आरोप
ब्रिटेन समेत पांच देशों ने इजराइल के दो कट्टरपंथी मंत्रियों पर लगाए प्रतिबंध, वेस्ट बैंक में हिंसा भड़काने का आरोप


जेरूसलम, 10 जून (हि.स.)। ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड और नॉर्वे ने मंगलवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए इजराइल सरकार के दो कट्टरपंथी मंत्रियों पर प्रतिबंध लगाया है। इन नेताओं पर इजराइल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में फिलीस्तीनियों के खिलाफ उग्र हिंसा भड़काने और मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन करने का आरोप है।

इन प्रतिबंधों की जद में आए हैं राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-गवीर और वित्त मंत्री बेजालेल स्मोत्रिच, जो प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार के मुख्य सहयोगी हैं। ये दोनों मंत्री वेस्ट बैंक में यहूदी बस्तियों के विस्तार और गाजा पट्टी में युद्ध जारी रखने के पक्षधर माने जाते हैं। अब इन पर यात्रा प्रतिबंध और संपत्ति जब्ती जैसे कड़े कदम लागू किए जा सकते हैं।

संयुक्त बयान में इन पांच देशों के विदेश मंत्रियों ने कहा कि “बेन-गवीर और स्मोत्रिच ने चरमपंथी हिंसा को प्रोत्साहित किया है और फिलीस्तीनी मानवाधिकारों का गंभीर दुरुपयोग किया है। इनकी वह बयानबाजी जिसमें फिलीस्तीनियों के बलपूर्वक विस्थापन और नई यहूदी बस्तियों की बात की जाती है, निंदनीय और खतरनाक है।”

ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा कि ये दोनों मंत्री महीनों से फिलीस्तीनियों के खिलाफ हिंसा को भड़का रहे हैं और मानवाधिकारों के खुलेआम उल्लंघन को बढ़ावा दे रहे हैं।

इजराइली विदेश मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उसे प्रतिबंधों की जानकारी पहले ही दे दी गई थी। वित्त मंत्री स्मोत्रिच ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्हें प्रतिबंधों की खबर तब मिली जब वे वेस्ट बैंक में एक नई यहूदी बस्ती का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा, हम फिर भी निर्माण करते रहेंगे। हमने फिरौन को पछाड़ा था, स्टॉर्मर की दीवार को भी गिरा देंगे।

वहीं, बेन-गवीर ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री की ओर इशारा करते हुए सोशल मीडिया पर तंज कसा। उन्होंने इन प्रतिबंधों को “अत्यधिक अपमानजनक” बताया और कहा कि वे प्रधानमंत्री नेतन्याहू से मिलकर इस पर इजराइल की प्रतिक्रिया तय करेंगे।

उल्लेखनीय है कि नेतन्याहू पहले ही अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) के गिरफ्तारी वारंट का सामना कर रहे हैं, जिसमें गाजा में युद्ध अपराधों के आरोप लगाए गए हैं। नेतन्याहू ने इन आरोपों से इनकार किया है और अदालत पर इजराइल के खिलाफ पक्षपात का आरोप लगाया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय