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रांची, 7 दिसंबर (हि.स.)। झारखंड की राजधानी रांची स्थित भारी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (एचईसी) के भविष्य को लेकर बढ़ते आर्थिक संकट और अनिश्चितताओं के बीच विभिन्न मजदूर संगठनों ने रविवार को हटिया मजदूर यूनियन के नेतृत्व में धुर्वा स्थित कार्यालय में संयुक्त बैठक की, जिसमें एचईसी को बंद होने से बचाने, ठेका श्रमिकों की बहाली और बकाया वेतन भुगतान सहित कई प्रमुख मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आगामी 10 दिसंबर को शाम 5 बजे हटिया मजदूर यूनियन कार्यालय में सभी यूनियनों के अध्यक्ष और महामंत्री की एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बैठक होगी। इसमें आंदोलन की अंतिम रूपरेखा तैयार की जाएगी।
हटिया मजदूर यूनियन के भवन सिंह ने बताया कि एचईसी बंद होने की चर्चाओं से कर्मचारी मानसिक तनाव में हैं और भविष्य को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि मजदूरों की मांगों की अंतिम सूची तैयार कर सरकार और प्रबंधन के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे हरेन्द्र प्रसाद ने कहा कि कंपनी की खराब वित्तीय स्थिति, प्रबंधन की निष्क्रियता और निजीकरण की आशंकाओं को सभी यूनियनों ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एचईसी के निजीकरण, विक्रय या बंद करने की किसी भी कोशिश का पुरजोर विरोध किया जाएगा।
बैठक में पारित संयुक्त प्रस्ताव के अनुसार पांच प्रमुख मांगों पर सर्वसम्मति बनी, इनमें एचईसी को बंद करने या बेचने के प्रस्ताव पर तत्काल रोक, उच्चस्तरीय सरकारी हस्तक्षेप, प्रधानमंत्री कार्यालय स्तर पर वार्ता, श्रम संहिता का विरोध और लंबित वेतन का भुगतान तथा ठेका श्रमिकों की बहाली शामिल थी।
बैठक में एटक सहित विभिन्न मजदूर संगठनों के प्रतिनिधि एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।--------------
हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar