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जम्मू, 7 दिसंबर (हि.स.)।
शिवसेना ( यूबीटी) जम्मू-कश्मीर ईकाई प्रमुख मनीश साहनी ने अतिसंवेदनशील जम्मू-कश्मीर में अवैध रूप से डेरा डाले रोहिंग्याओं को ततकाल डिपोर्ट करने व सत्यापन अभियान चलाने की मांग की है, इसके साथ ही प्रदेश से बिस्तर गोल करने की खुली चेतावनी दी है।
पार्टी प्रदेश मध्यवर्ती कार्यालय में पत्रकारों से विशेष बातचीत करते हुए, प्रदेश प्रमुख मनीश साहनी ने कहा कि आतंकवाद से जूझ रहे व सामरिक रूप से अतिसंवेदनशील जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्या मुसलमान सबसे ज़्यादा संख्या में हैं। रोहिंग्यों व अवैध घुसपैठियों की मौजूदगी प्रदेश व देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। साहनी ने हैरानी जताते हुए कहा कि हजारों किलोमीटर का सफर तयकर रोहिंग्यों, आतंकवाद ग्रस्त जम्मू-कश्मीर में किस मकसद से पहुच रहे हैं यह गहन जांच का विषय है।
साहनी ने कहा कि रोहिंग्याओं के साथ किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जानी चाहिए। छोटी-मोटी चोरियों से लेकर तस्करी, जासूसी, नशीले पदार्थों और दस्तावेज़ों की जालसाज़ी जैसे अपराधों में इनकी संलिप्तता पाई गई है।
साहनी ने हैरानी जताते हुए कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार धुसपेठियों को लेकर जमकर राजनैतिक रोटियाँ सेंक रही है मगर जमीनी स्तर पर रोहिंग्यों को बाहर खदेडने को लेकर देश में कोई सख्त कानून नहीं है। हालही में सुप्रीम कोर्ट ने भी केन्द्र सरकार को फटकार लगाई है।
साहनी ने केंद्र की मोदी सरकार व जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल से अतिसंवेदनशील जम्मू-कश्मीर में डेरा डाले रोहिंग्याओं को सख्ती से बाहर खदेड़ने के निर्देश जारी करने की मांग की है। इसके साथ ही रोहिंग्यों को जम्मू छोड़ने अन्यथा शिव सैनिक अपने अंदाज में रोहिंग्यों को बाहर खदेडेगे। इस दौरान किसी तरह की कानून व्यवस्था बिगडी़ तो इसकी जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता