छत्तीसगढ़ के ताड़मेटला और झीरम कांड में शामिल रहे 33 लाख के इनामी नक्सली दंपति ने किया आत्मसमर्पण
सुकमा, 07 दिसंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के ताड़मेटला और झीरम कांड में शामिल रहे 33 लाख के इनामी नक्सली दंपति माड़वी गंगी ने रविवार को आंध्र प्रदेश में आत्मसमर्पण कर दिया। सुकमा जिले की सबसे बड़ी नक्सली वारदातों ताड़मेटला, जिसमें सीआरप
ताड़मेटला व झीरम कांड में शामिल 33 लाख के नक्सली दंपति ने किया आत्मसमर्पण


सुकमा, 07 दिसंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के ताड़मेटला और झीरम कांड में शामिल रहे 33 लाख के इनामी नक्सली दंपति माड़वी गंगी ने रविवार को आंध्र प्रदेश में आत्मसमर्पण कर दिया।

सुकमा जिले की सबसे बड़ी नक्सली वारदातों ताड़मेटला, जिसमें सीआरपीएफ के 76 जवान बलि‍दान हुए थे और झीरम घाटी हमला, जिसमें कांग्रेस के कई शीर्ष नेता मारे गए थे। इन जघन्य वारदातों में शामिल 25 लाख के इनामी नक्सली, दरभा डिवीजन इंचार्ज जयलाल उर्फ दिरदो विज्जा और उसकी पत्नी 8 लाख की इनामी महिला नक्सली मलंगेर एरिया कमेटी इंचार्ज माड़वी गंगी उर्फ भीमे ने आज सीमावर्ती आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिला मुख्यालय में आंध्र प्रदेश के एसपी अमित बरदार और सुकमा एएसपी (नक्सल) रोहित शाह के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। आत्मसमर्पित नक्सली दंपति जयलाल और संगठन के लिए सबसे अधिक लेवी वसूलने वाली भीमे कई बड़े नक्सली वारदाताें में शामिल रहे थे।

सुकमा एएसपी (नक्सल) रोहित शाह ने बताया कि सुकमा में लगातार चल रहे एंटी-नक्सल ऑपरेशन और नए कैंपों की स्थापना से संगठन पर दबाव बढ़ा है, जिसके चलते दोनों के पास पुनर्वास ही एकमात्र विकल्प बचा था। उन्होंने कहा कि सरकार की पुनर्वास नीति का पूरा लाभ आत्मसमर्पित नक्सली दंपति काे दिया जाएगा और अन्य नक्सलियों से भी हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास में भागीदारी की अपील की गई ।

पुलिस के अनुसार जयलाल पिछले 40 वर्षों से नक्सली संगठन से जुड़ा हुआ था। उसने 1994 में बाल संगम के रूप में नक्सल संगठन में प्रवेश किया। इसके बाद वह सीएनएम सदस्य, एलओएस कमांडर, सेक्शन कमांडर, मिलिट्री कमांडर और अंत में एसजेडसीएम पद पर सक्रिय रहा। वह 2010 के ताड़मेटला हमले, 2013 के झीरम कांड, 2020 मिनपा घटना (17 जवान बलीदान), 2021 टेकलगुड़म (22 जवान बलिदान) और 2024 में धर्मापेंटा व टेकलगुड़ा कैंप पर हुए हमलों का मुख्य सहभागी रहा। उसकी पत्नी भीमे 20 वर्षों से संगठन में सक्रिय थी। वह टेकलगुड़ा घटना में शामिल रही और जिला मुख्यालय के आस-पास ठेकेदारों, व्यापारियों और नेताओं से लेवी वसूली का काम संभालती थी । केरलापाल, बड़ेशेट्टी और नीलावरम क्षेत्र में उसका खासा दबदबा था।

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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे