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-डीएमए इंडिया ने एचसीएमएसए की मांगों का किया समर्थन किया
-प्रदेश सरकार से से तुरंत कार्यवाही की अपील
गुरुग्राम, 7 दिसंबर (हि.स.)। डेमोक्रेटिक मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए इंडिया) ने हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (एचसीएमएसए) द्वारा उठाए गए मुद्दों पर पूर्ण समर्थन करते हुए सरकार से तत्काल और ठोस कार्यवाही की मांग की है।
डेमोक्रेटिक मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए इंडिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अमित व्यास, राष्ट्रीय महासचिव डॉ. शुभ प्रताप सोलंकी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. भानु कुमार एवं राष्ट्रीय महिला विंग सचिव डॉ. प्रियांशु शर्मा के नेतृत्व में सरकार को कड़ी चेतावनी भी दी गई है।
डीएमए नेतृत्व ने कहा कि एसएमओ भर्ती में वादाखिलाफी, एसीपी आदेशों में अनुचित विलंब और सेवा नियम संशोधन लंबित रहने से सरकारी चिकित्सकों में गंभीर निराशा और असंतोष पैदा हुआ है। एसोसिएशन ने बताया कि 200 से अधिक एसएमओ पद रिक्त हैं, 160 पद नियमों के संशोधन के अभाव में अटके हैं। यूसीएपी आदेश एक वर्ष से अधिक समय से लंबित पड़े हैं। डॉक्टर ओपीडी, इमरजेंसी, ओटी और ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार सेवा दे रहे हैं, पर सरकार उनकी समस्याओं की अनदेखी कर रही है। डीएमए इंडिया ने एचसीएमएसए द्वारा घोषित 8-9 दिसंबर पूर्ण बंद और 10 दिसंबर से अनिश्चितकालीन बंद को पूरा समर्थन देते हुए स्पष्ट कहा है कि किसी भी सेवा व्यवधान की जिम्मेदारी सरकार की होगी।
संगठन की मांग है कि सरकार एसीपी आदेश तुरंत जारी करे। एसएमओ पदों को अनब्लॉक करे। सेवा नियम संशोधन शीघ्र लागू करे। विशेषज्ञ चिकित्सकों को आयुष्मान /एनपीए या समकक्ष प्रोत्साहन दे। डीएमए इंडिया की एचसीएमएसए के समर्थन में सरकार को चेताते हुए कहा कि अब वादे नहीं, कार्रवाई चाहिए। डॉक्टर राज्य की रीढ़ हैं। उनकी समस्याओं की उपेक्षा अस्वीकार्य है। यदि स्वास्थ्य सेवाएं बाधित होती हैं तो उसकी पूरी जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ सरकार की होगी। डॉक्टरों की नहीं। अब सरकार को कार्यवाही करनी ही होगी, वरना आंदोलन और भी व्यापक और उग्र होंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर