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सोनीपत, 7 दिसंबर (हि.स.)। प्रदेश में नगर निगमों, परिषद एवं पालिकाओं में शामिल गांवों
में भी कुम्हार समाज के लोगों को बर्तन बनाने-पकाने के लिए निर्धारित जमीन के आबंटन
पत्र देने पर सरकार विचार कर रही है। निकाय विभाग ने सभी सम्बंधित 87 इकाइयों में पत्र
लिखकर गांवों में आंवे-पंजावें या कुम्हारधाना के लिए आरक्षित भूमि की 2 दिन के अंदर
रिपोर्ट मांगी है।
सरकार द्वारा अगस्त 2025 माह में प्रदेश के सभी गांवों में
कुम्हार समाज के नागरिकों को बर्तन बनाने एवं पकाने के लिए जमीन के आबंटन पत्र वितरित
किये गए थे तब यह आवाज उठने लगी थी कि विशेषकर नगर निगम में शामिल गाँवो में भी यह
सुविधा प्रदान की जाये। मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार एवं वर्तमान में सोनीपत
के मेयर राजीव जैन ने इस विषय को लेकर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए 18 अगस्त
2025 को पत्र भेजा था।
राजीव जैन ने पत्र में लिखा था कि शहरों में भी समाज के लोग
बर्तन बनाने एवं पकाने का काम करते हैं जिनके लिए कोई जगह उपलब्ध नहीं है, यह काम उन्हें
सड़कों पर करना पड़ता है। इस कारण वायु प्रदूषण
तो फैलता ही है साथ में सड़क पर भी रुकावटें
खड़ी होती हैं। उन्होंने लिखा था कि
अधिकांश लोग इस कार्य को छोड़ चुके थे परन्तु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर
भारत अभियान शुरू किये जाने से फिर मिटटी के बर्तनों की मांग बढ़ रही । मेयर जैन ने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी
उन्होंने सभी गांवों में जमीन देने की मांग रखी थी तब से चल रही प्रक्रिया अब जाकर
सिरे चढ़ी है और जिन गाँवो में जमीन उपलब्ध हो पाई उनमें जमीन दे दी गई। उन्होंने बताया
कि स्थानीय निकाय विभाग में शामिल गांवों में कुम्हार समाज के लोग पालिसी ना होने के
कारण इस सुविधा से वंचित हो रहे थे, अब सरकार द्वारा मांगी गई रिपोर्ट से उम्मीद जगी
है
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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना