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मुंबई, 07 दिसंबर (हि.स.) राजस्थान के एक आईवीएफ विशेषज्ञ से जुड़े 30 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में बॉलीवुड फिल्म निर्माता विक्रम भट्ट गंभीर कानूनी संकट में फंस गए हैं। उदयपुर में दर्ज एफआईआर के बाद मुंबई पुलिस ने उन्हें यारी रोड के गंगा भवन अपार्टमेंट में उनकी साली के घर से गिरफ्तार कर लिया है।
यह मामला उन फिल्म और डॉक्यूमेंट्री प्रोजेक्ट्स से संबंधित है, जिनके लिए करोड़ों रुपये लिए जाने का आरोप है, लेकिन आरोपकर्ता के अनुसार ये प्रोजेक्ट या तो पूरे नहीं हुए या उन्हें उचित श्रेय नहीं दिया गया। हालांकि, विक्रम भट्ट ने इन आरोपों को पूरी तरह भ्रामक बताते हुए खारिज कर दिया है।
उदयपुर के भूपालपुरा पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के मुताबिक इंदिरा आईवीएफ के संस्थापक डॉ. अजय मुर्डिया ने दावा किया कि उन्हें चार फिल्मों और कुछ डॉक्यूमेंट्री प्रोजेक्ट्स, जिनमें उनकी दिवंगत पत्नी पर आधारित एक बायोपिक भी शामिल है, उनके लिए करीब 30 करोड़ रुपये निवेश करने को राजी किया गया। आरोप है कि इन फिल्मों से 200 करोड़ रुपये तक के मुनाफे का अनुमान बताकर उन्हें निवेश के लिए प्रेरित किया गया, लेकिन धनराशि देने के बाद कुछ परियोजनाओं का काम रोक दिया गया जबकि पूरी हो चुकी परियोजनाओं में उन्हें वादानुसार श्रेय भी नहीं मिला।
एफआईआर में विक्रम भट्ट, उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट, बेटी कृष्णा भट्ट, और सहयोगी महबूब अंसारी, दिनेश कटारिया सहित कुल 8 लोगों के नाम शामिल हैं। राजस्थान पुलिस ने मामले में जांच प्रारंभ कर दी है और लेन-देन से जुड़े दस्तावेज़, बैंक रिकॉर्ड और संचार की जांच कर रही है। फिल्म के सह-निर्माता महबूब अंसारी और मुंबई के एक विक्रेता संदीप त्रिलोभान को पहले ही गिरफ्तार कर उदयपुर की अदालत में पेश किया जा चुका है, जहां से उन्हें पुलिस ने जेल भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि जांच आगे बढ़ने पर और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
इस बाबत विक्रम भट्ट ने अपनी गिरफ्तारी से पहले मीडिया से बातचीत में खुद पर लगे आरोपों को सीधा खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, एफआईआर भ्रामक है। पुलिस गुमराह है। इसमें लिखी कई बातें पूरी तरह तथ्यहीन हैं। विक्रम भट्ट ने दावा किया कि शिकायतकर्ता द्वारा बीच में ही भुगतान रोक देने के कारण प्रोजेक्ट अटक गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस को प्रभावित करने के लिए जाली दस्तावेज़ इस्तेमाल किए गए होंगे। फिल्ममेकर ने कहा कि उनके पास अपने दावों को साबित करने के लिए पूरे सबूत मौजूद हैं और वे जांच में पूर्ण सहयोग करने को तैयार हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / लोकेश चंद्र दुबे