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नई दिल्ली, 7 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज सेंट्रल पार्क, कनॉट प्लेस में आयोजित एक भव्य समारोह में दिल्ली एआई ग्राइंड कार्यक्रम लॉन्च किया। दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य छात्रों में भविष्योन्मुखी तकनीकी दक्षताएं विकसित करना और उन्हें एआई-चालित दुनिया के लिए तैयार करना है। यह पहल भारत की पहली सिटी-सेंट्रिक एआई इनोवेशन मूवमेंट है।
इस विशेष कार्यक्रम की विशेषता अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचने वाले पहले भारतीय ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की प्रेरणादायक उपस्थिति रही।
मुख्यमंत्री ने ग्रुप कैप्टन शुक्ला की उपस्थिति को ‘नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत’ बताया और कहा कि उनका जीवन सफर भारत के नए युग की सोच और क्षमताओं का प्रतीक है। कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री आशीष सूद व शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, प्राचार्य, विभिन्न इनोवेशन पार्टनर्स और बड़ी संख्या में छात्र भी उपस्थित रहे।
इस अनूठी पहल को देखकर कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा कि यह कार्यक्रम बताता है कि हमारी लीडरशिप किस पर फोकस कर रही है। ये वे एरिया हैं जिन्हें हमें प्राथमिकता देनी चाहिए। इस तरह की कोशिशें हमें विकसित भारत 2047 के हमारे सपने के और करीब ले जाएंगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में वैश्विक मंच पर नई पहचान स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि तकनीक अब आम नागरिक की पहुंच में आ चुकी है। उन्होंने जानकारी दी कि दिल्ली एआई ग्राइंड इनिसिएिव राजधानी की शिक्षा प्रणाली में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रहा है। यह पहल पारंपरिक कक्षाओं को नवाचार-उन्मुख इनोवेशन लैब्स में परिवर्तित करेगी, जहां छात्र दिल्ली की वास्तविक समस्याओं के समाधान के लिए एआई-आधारित प्रोजेक्ट विकसित करेंगे। लगभग पांच लाख छात्रों को इस कार्यक्रम से प्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त होगा, जिससे दिल्ली ज्ञान, तकनीक और एआई नवाचार की राजधानी के रूप में तेजी से उभर सकेगी। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार का साझा लक्ष्य युवाओं को विश्वस्तरीय तकनीकी अवसर उपलब्ध कराना और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एआई ग्राइंड इनिसिएिव दिल्ली को विकसित दिल्ली और विकसित भारत के सपने की ओर ले जाने वाला महत्वपूर्ण कदम है। हम सभी मिलकर आगे बढ़ें, यही राष्ट्र निर्माण की सच्ची भावना है।
कार्यक्रम में दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि दिल्ली के स्कूलों के बच्चे तकनीक के केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि रचनाकार बनें। इसी सोच के साथ आज हम दिल्ली एआई मिशन लॉन्च कर रहे हैं। गर्व की बात है कि दिल्ली देश का पहला शहर है जिसने इतने व्यापक स्तर पर इसकी पहल शुरू की है। यह विकसित भारत की विकसित राजधानी बनने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जो आधुनिक और उन्नत शिक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सूद ने यह भी कहा की यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं बल्कि एक शहर-व्यापी नवाचार आंदोलन है। उन्होंने यह भी कहा कि पहली बार दिल्ली में सरकारी और निजी स्कूल एक ही मंच पर बैठकर समस्याओं की पहचान कर रहे हैं, समाधान की कल्पना कर रहे हैं और प्रोटोटाइप बना रहे हैं क्योंकि शहर की समस्याएं एकसाथ मिलकर ही हल होती हैं, अलग-अलग नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली की अगली छलांग कंक्रीट से नहीं क्रिएटिविटी, कोड और कोलैबोरेशन से आएगी। इसी भावना के साथ दिल्ली सरकार ‘मानवता के लिए एआई’ की अवधारणा को आगे बढ़ा रही है। एक ऐसा एआई जो तेज़ हो, जिम्मेदार भी, शक्तिशाली हो, समावेशी और उन्नत हो, लेकिन मानवीय भी हो। आज हम विज्ञान को एक कॉन्सर्ट की तरह सेलिब्रेट कर रहे हैं। यह बच्चों के सपनों को नई उड़ान देगा।
कार्यक्रम के बाद कनॉट प्लेस के इनर सर्कल में एक सामुदायिक उत्सव का आयोजन किया गया। इस उत्सव में मॉर्निंग वॉक, साइक्लिंग, स्ट्रीट परफ़ॉर्मेंस, सहभागितापूर्ण कला और बच्चों व परिवारों के लिए सरल खेल जैसी विविध गतिविधियां शामिल थीं। इन सभी गतिविधियों ने एआई ग्राइंड कर्टेन रेजर को एक जीवंत, ऊर्जा-से भरपूर और सभी आयु वर्गों को जोड़ने वाले सामुदायिक कार्यक्रम का रूप प्रदान किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव