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भोपाल, 04 दिसम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बड़े तालाब को 20 नए शिकारा नाव की सौगात मिलने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज गुरुवार को सुबह 9 बजे बड़े तालाब के बोट क्लब पर इन 20 नवीन 'शिकारा नाव' की सेवा का शुभारंभ करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में विधानसभा सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति रहेंगी। ये शिकारे झीलों की नगरी भोपाल के सौंदर्य में न केवल अभिवृद्धि करेंगे, बल्कि जम्मू कश्मीर के श्रीनगर स्थित प्रसिद्ध डल झील की तरह लोगों को नया अनुभव भी देंगे।
जनसम्पर्क अधिकारी अनुराग उइके ने बताया कि प्रदेश में पर्यटन विकास के नए आयाम स्थापित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में पर्यटन सुविधाओं का निरंतर विस्तार किया जा रहा है। भोपाल के बड़े तालाब में कश्मीर की प्रसिद्ध डल झील की तर्ज पर शिकारे संचालित करने की यह अनूठी पहल की गई है। यह पहल न केवल प्रदेश के जल-पर्यटन को राष्ट्रीय पटल पर एक नई पहचान देगी, बल्कि पर्यटकों के लिए प्रकृति के सानिध्य में सुकून के कुछ पल बिताने का एक जरिया भी बनेगी।
जनसम्पर्क अधिकारी के अनुसार, इस पहल का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में जल-पर्यटन (वॉटर टूरिज्म) को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशानुसार, प्रदेश में पहली बार इतने वृहद स्तर पर शिकारों का संचालन किया जा रहा है। विशेष रूप से पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, इन सभी 20 शिकारों का निर्माण प्रदूषण रहित आधुनिक तकनीक से किया गया है। इनका निर्माण 'फाइबर रीइन्फोर्स्ड पॉलीयूरिथेन' और उच्च गुणवत्ता वाली नॉन-रिएक्टिव सामग्री से हुआ है, जो जल के साथ किसी भी प्रकार की रासायनिक क्रिया नहीं करती। इससे बड़े तालाब की पारिस्थितिकी और जल की शुद्धता पूर्णतः सुरक्षित रहेगी। ये शिकारे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्था द्वारा निर्मित किए गए हैं, जिनके द्वारा निर्मित शिकारे पूर्व में केरल, बंगाल और असम में भी पर्यटकों द्वारा अत्यंत पसंद किए जा रहे हैं। भोपाल का बोट क्लब इन आकर्षक शिकारों के साथ पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार होगा।
इन शिकारा बोट्स राइड के दौरान पर्यटक बर्ड वाचिंग भी कर सकेंगे, इसके लिए शिकारे में दूरबीन की व्यवस्था भी की गई हैं साथ ही पर्यटक अन्य शिकारों में उपलब्ध आर्गेनिक वेजिटेबल्स और फ्रूटस और मध्य प्रदेश में निर्मित हस्तशिल्प के उत्पाद भी खरीद सकेंगे, वहीं राइड के दौरान पर्यटक स्थानीय व्यंजन का लुत्फ़ भी ले सकेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर