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नैनीताल, 3 दिसंबर (हि.स.)। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान कथित बवाल, बीडीसी सदस्यों के अपहरण और मतपत्र में ओवरराइटिंग के आरोपों के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। पूर्व में पारित आदेश के क्रम में आज एसएसपी नैनीताल कोर्ट में पेश हुए। बाद में अगली सुनवाई के लिए 10 दिसंबर की तिथि नियत की गई है।
कोर्ट ने मामले की जांच कर रहे एएसपी, सीबीसीआईडी हल्द्वानी को पांचों कथित पीड़ित बीडीसी सदस्यों के साथ पूरी जांच रिपोर्ट सहित कोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश दिए थे। सुनवाई में पांचों बीडीसी सदस्य कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए, जिस पर कोर्ट ने उन्हें भी 10 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेन्दर एवं न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार 14 अगस्त को हुए जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान कुछ सदस्यों के कथित अपहरण और दबाव बनाए जाने की शिकायतें कोर्ट के सामने आई थीं। जिसके बाद कोर्ट ने इस प्रकरण पर स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की थी। इस मामले में बीडीसी सदस्य पूनम बिष्ट ने हाईकोर्ट में एक अलग याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में इस्तेमाल किए गए एक मतपत्र में ओवरसटंग की गई थी जिससे उनके मत को अमान्य घोषित कर दिया गया। याचिका में कोर्ट से मांग की गई थी कि अध्यक्ष पद के लिए पुनः निष्पक्ष मतदान कराया जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / लता