भीलवाड़ा पहुंचे आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत, विवाह समारोह में शामिल हुए
भीलवाड़ा, 3 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत बुधवार को एक दिवसीय प्रवास पर भीलवाड़ा पहुंचे। उनके आगमन को लेकर शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। रेलवे स्टेशन से लेकर कार्यक्रम स्थलों और विवाह समारोह के स्थान तक पु
भीलवाड़ा पहुंचे सरसंघचालक मोहन भागवत, विवाह समारोह में शिरकत, संघ परिवार की बैठक में दिए दिशा-निर्देश


भीलवाड़ा पहुंचे सरसंघचालक मोहन भागवत, विवाह समारोह में शिरकत, संघ परिवार की बैठक में दिए दिशा-निर्देश


भीलवाड़ा पहुंचे सरसंघचालक मोहन भागवत, विवाह समारोह में शिरकत, संघ परिवार की बैठक में दिए दिशा-निर्देश


भीलवाड़ा, 3 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत बुधवार को एक दिवसीय प्रवास पर भीलवाड़ा पहुंचे। उनके आगमन को लेकर शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। रेलवे स्टेशन से लेकर कार्यक्रम स्थलों और विवाह समारोह के स्थान तक पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों ने विशेष निगरानी रखी।

सरसंघचालक भागवत ने हरणी महादेव रोड स्थित एक निजी रिसॉर्ट में उद्योगपति सत्यप्रकाश डिडवानिया के पुत्र प्रत्युष डिडवानिया के विवाह समारोह में शिरकत की और नवविवाहित दंपती को आशीर्वाद प्रदान किया। इस दौरान भीलवाड़ा संघ परिवार के प्रमुख पदाधिकारियों ने उनका अभिनंदन किया।

शाम के समय मोहन भागवत ने भीलवाड़ा शहर के लगभग 500 कुटुंब परिवारों के साथ एक विशेष बैठक में भाग लिया। बैठक में पारिवारिक मूल्यों के क्षरण, संयुक्त परिवार की अवधारणा, संस्कारों के संरक्षण और सामाजिक एकता जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। सरसंघचालक ने कहा कि परिवार व्यक्ति की पहली पाठशाला है और यदि परिवार मजबूत रहेगा तो समाज स्वतः सशक्त बनेगा। उन्होंने उपस्थित परिवारों को परस्पर संवाद, संवेदनशीलता और संस्कार आधारित जीवन शैली अपनाने का संदेश दिया।

इस अवसर पर संघ के राजस्थान क्षेत्र प्रचारक निंबाराम, चित्तौड़ प्रांत के पदाधिकारी सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित रहे। सुरक्षा प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए पूरे शहर में पुलिस बल तैनात रहा।

प्रवास के दौरान महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन और संत गोविंद राम ने सरसंघचालक से भेंट कर आगामी सनातन मंगल महोत्सव का औपचारिक निमंत्रण प्रदान किया। यह महोत्सव 19 फरवरी से 26 फरवरी तक हरी सेवा उदासीन सनातन मंदिर परिसर में आयोजित किया जाएगा। स्वामी हंसराम उदासीन ने बताया कि यह आयोजन धर्म, अध्यात्म और सनातन संस्कृति का भव्य संगम होगा।

सनातन सेवा समिति के रवींद्र कुमार जाजू ने जानकारी दी कि इस महोत्सव के दौरान तीन ब्रह्मचारी संत दीक्षा ग्रहण करेंगे, जो अपना संपूर्ण जीवन सनातन धर्म की सेवा, साधना और तपस्या को समर्पित करेंगे। उन्होंने इसे ऋषि परंपरा का महत्वपूर्ण विस्तार बताते हुए समाज के लिए एक दुर्लभ और पुण्यकारी अवसर बताया।

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हिन्दुस्थान समाचार / मूलचंद