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जयपुर, 3 दिसंबर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने करीब 900 करोड रुपए के जल जीवन मिशन घोटाले से जुडे ईडी मामले में आरोपी पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी को सशर्त जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस दीपाकंर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ ने यह आदेश महेश जोशी की एसएलपी मंजूर करते हुए दिया। अदालत ने कहा कि प्रकरण में कई सह आरोपियों की जमानत हो चुकी है। वहीं आरोपी बीते सात महीने से ज्यादा समय से कस्टडी में है। इसके अलावा मामले में ट्रायल चलाने के लिए आरोपी की अभिरक्षा जरूरी नहीं लगती है और उससे कोई रिकवरी की कोई उम्मीद नहीं है। इसलिए उसे जमानत देना उचित होगा। वहीं अदालत ने कहा है कि आरोपी महेश जोशी ईडी कोर्ट में अपना पासपोर्ट सरेंडर करेगा और बिना अनुमति देश से बाहर नहीं जाएगा। अदालत ने जोशी की एसएलपी पर बहस पूरी होने के बाद अदालत ने 21 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। जोशी ने एसएलपी में राजस्थान हाईकोर्ट के 26 अगस्त 2025 के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
महेश जोशी की ओर से सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा और अधिवक्ता विवेक जैन ने कहा कि प्रार्थी पिछले 7 महीने से जेल में हैं और अभी तक मामले में ट्रायल भी शुरू नहीं हुआ हैं। ईडी ने जो रिकॉर्ड पेश किए हैं, उनसे रिश्वत के आरोपों की पुष्टि नहीं होती है। ईडी उसके पुत्र के खाते में पचास लाख रुपए आना बता रही है। जबकि वह लोन राशि थी और उसे लौटाया भी जा चुका है। इसके विरोध में ईडी ने कहा कि इस मामले में एसीबी की ओर से दर्ज अन्य एफआईआर में भी महेश जोशी की भूमिका होना बताया है। उसके बेटे की फर्म में लाखों रुपए का लेन-देन किया गया। इस राशि को लौटाना भी बताया जा रहा है तो राशि लौटाने से अपराध की गंभीरता कम नहीं होती है। उसने विभाग की टेंडर प्रक्रिया में रिश्वत ली है। और आरोपी को जमानत देने से वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने जोशी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक