अशोकनगर: कविता सेठ की गायकी पर झूमे लोग
अशोकनगर, 3 दिसम्बर(हि.स.)। मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले की पर्यटन नगरी चंदेरी में मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा जिला प्रशासन एवं सनसेट डेज़र्ट कैम्प के सहयोग से आयोजित चंदेरी इको रिट्रीट के तृतीय संस्करण के चौथे दिन टेंट सिटी संगीत की मधुरता से सर
अशोकनगर: कविता सेठ की गायकी पर झूमे लोग


अशोकनगर: कविता सेठ की गायकी पर झूमे लोग


अशोकनगर: कविता सेठ की गायकी पर झूमे लोग


अशोकनगर, 3 दिसम्बर(हि.स.)। मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले की पर्यटन नगरी चंदेरी में मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा जिला प्रशासन एवं सनसेट डेज़र्ट कैम्प के सहयोग से आयोजित चंदेरी इको रिट्रीट के तृतीय संस्करण के चौथे दिन टेंट सिटी संगीत की मधुरता से सराबोर हुई। सुप्रसिद्ध फिल्म गायिका कविता सेठ ने अपनी सुरीली आवाज़ में इकतारा, तुम ही हो बंधु, जिंदगी ये जिंदगी, राँझा सहित कई लोकप्रिय गीत प्रस्तुत किए, जिनकी गूंज देर रात तक टेंट सिटी में सुनाई देती रही। ठंडी हवाओं के बीच उनकी भावपूर्ण प्रस्तुति ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। गीतों के बीच उनकी सहज बातचीत और शेर ओ शायरी के अंदाज ने पूरे वातावरण को और अधिक आत्मीय बना दिया। इस अवसर पर कलेक्टर आदित्य सिंह द्वारा कलाकारों का सम्मान किया गया।

बुंदेलखंडी भोजन का अनूठा स्वाद

चंदेरी इको रिट्रीट में पहुंचे पर्यटक इन दिनों बुंदेलखंड के पारंपरिक भोजन काविशेष आनंद ले रहे हैं। टेंट सिटी में पर्यटकों को दालबाटी, लड्डू, कढ़ी-चावल, रायता जैसे स्थानीय व्यंजन परोसे जा रहे हैं। वहीं प्राणपुर ग्राम के भ्रमण के दौरान मेहमानों को ग्रामीण परिवेश में पारंपरिक बुंदेलखंडी भोजन का दोपहर भोजन कराया जा रहा है, जिसमें क्षेत्रीय स्वाद और संस्कृति का मनभावन संयोजन दिखाई देता है।

चंदेरी साड़ी उद्योग का जीवंत अनुभव

चंदेरी के विश्व प्रसिद्ध साड़ी उद्योग की झलक दिखाने के लिए पर्यटकों को प्राणपुर गांव में संचालित करघों और पारंपरिक बुनाई प्रक्रिया का प्रत्यक्ष अनुभव कराया जा रहा है। पर्यटक स्वयं अपनी आंखों के सामने चंदेरी साड़ी को बनते हुए देख रहे हैं और बुनकरों की पीढिय़ों से चली आ रही कला के प्रति गहरी रुचि व्यक्त कर रहे हैं। इसके साथ ही पर्यटकों को भारत का दूसरा सबसे बड़ा हैंडलूम पार्क भी दिखाया जा रहा है, जहां चंदेरी साड़ी के निर्माण की पूरी प्रक्रिया समझाई जाती है। यहां पर्यटकों को प्रसिद्ध चंदेरी साडिय़ां खरीदने का अवसर भी मिलता है, जिससे स्थानीय बुनकरों और हैंडलूम कला को वैश्विक पहचान प्राप्त हो रही है।

चंदेरी की ऐतिहासिक धरोहरों से रूबरू

चंदेरी इको रिट्रीट में आए आगंतुकों को चंदेरी के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थलों का विस्तृत भ्रमण कराया जा रहा है। इनमें वेजु बावरा की समाधि, कौशिक महल, बादल महल, किला कोठी, मेहरुन्निसा का मकबरा, जौहर कुंड, कटि घाटी, खूनी दरवाज़ा, लक्ष्मण मंदिर और माता जोगेश्वरी मंदिर जैसे स्थल शामिल हैं। किला कोठी में प्रदर्शित लेजऱ शो में चंदेरी की वीरता, बलिदान और समृद्ध इतिहास को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जा रहा है। इस प्रस्तुति को देखकर पर्यटकों में उत्साह और रोमांच की अनुभूति स्पष्ट दिखाई देती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / देवेन्द्र ताम्रकार