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रायपुर, 3 दिसंबर (हि.स.)। विश्व विकलांग दिवस के अवसर पर बुधवार को सृष्टि स्पेशल स्कूल, रोहिणीपुरम रायपुर में सुरूज ट्रस्ट द्वारा विशेष बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण चित्रकला कार्यशाला “उड़ान हमारी” का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम न केवल बच्चों की कला प्रतिभा को उभारने, बल्कि उनके परिवारों को सशक्त और जागरूक बनाने का एक प्रयास है।
इस कार्यशाला में स्पर्श, जो स्वयं एक विशेष कलाकार हैं, उन्होंने अपने समान 30 बच्चों को रंगों की दुनिया से परिचित कराते हुए उनकी कल्पनाओं, भावनाओं और संवेदनाओं को पेपर पर उतारने के लिए प्रेरित किया। इस सत्र में बच्चों के साथ आए उनके परिवारों ने भी उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।
कार्यशाला की विशिष्टता परिवारों के लिए आयोजित काउंसलिंग सत्र रहा, जिसका संचालन संगीता धुरंधर और मिनेश साहू द्वारा किया गया। साथ ही सुरूज ट्रस्ट के सभी सदस्य बस्तर से शकील रिजवी, राहुल सिंधी, सुधीर आज़ाद तम्बोली, हिमानी वासनिक उपस्थित रहें।
काउंसलिंग के दौरान परिवारों ने बच्चों से जुड़ी अपनी जिज्ञासाओं और चिंताओं पर खुलकर सवाल पूछे। विशेषज्ञों ने व्यवहार, शिक्षा, दिनचर्या, भावनात्मक संतुलन सहित सभी विषयों पर मार्गदर्शन दिया। यह समझाया गया कि इन बच्चों की सबसे बड़ी असली हिम्मत उनका परिवार ही है, और परिवार यदि धैर्य, सहयोग और सकारात्मकता के साथ खड़ा रहे तो बच्चा सामान्य जीवन की ओर बढ़ सकता है।
सुरूज ट्रस्ट की अध्यक्ष दीप्ति ओग्रे ने बताया कि, “एक अच्छे और स्वस्थ समाज का निर्माण तभी संभव है जब सभी को समान अवसर दिए जाएँ। मानसिक विकलांगता को लेकर हमारे समाज में अब भी जागरूकता की कमी है। अक्सर किसी बच्चे का आईक्यू लेवल कम होने पर उसे तुरंत ‘पागल’ कह दिया जाता है, जबकि हर समस्या का समाधान हमारे आस-पास ही मौजूद होता है। यह चित्रकला कार्यशाला बच्चों की प्रतिभा को सामने लाने और काउंसिलिंग सत्र परिवारों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित की गई है।” उन्होंने यह भी कहा कि जिस दिन पूरी दुनिया विश्व विकलांग दिवस मना रही है, उसी दिन सुरूज ट्रस्ट ने इस विशेष दिन को “उड़ान हमारी” नाम देकर एक नई परंपरा की शुरुआत की है, जिसे हर वर्ष मनाने का संकल्प लिया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / गायत्री प्रसाद धीवर