सांसद अनुराग शर्मा ने लोकसभा में उठाई बुंदेलखंड की महिलाओं और पेयजल संकट की आवाज़
- एसएचजी महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और जल जीवन मिशन पर केंद्र को दिए महत्वपूर्ण सुझाव झांसी, 03 दिसंबर (हि.स.)। झांसी–ललितपुर के सांसद अनुराग शर्मा ने सोमवार को लोकसभा के शून्यकाल में बुंदेलखंड की महिलाओं, उनकी आर्थिक चुनौतियों और पेयजल संकट से
सदन में बोलते सांसद अनुराग शर्मा


- एसएचजी महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और जल जीवन मिशन पर केंद्र को दिए महत्वपूर्ण सुझाव

झांसी, 03 दिसंबर (हि.स.)। झांसी–ललितपुर के सांसद अनुराग शर्मा ने सोमवार को लोकसभा के शून्यकाल में बुंदेलखंड की महिलाओं, उनकी आर्थिक चुनौतियों और पेयजल संकट से जुड़े दो अहम मुद्दों को अत्यंत प्रभावशाली ढंग से उठाया। सांसद ने साफ कहा कि “विकसित भारत 2047 का सपना तभी पूरा होगा, जब हमारी महिलाएं आर्थिक और तकनीकी रूप से मजबूत हों।”

सांसद ने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी महिलाओं की कठिनाइयों पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि बुंदेलखंड की महिलाएं अपने कौशल से छोटे–छोटे कारोबार चला रही हैं, परंतु कई संरचनात्मक बाधाएं अब भी उनके रास्ते में खड़ी हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि एसएचजी बैंक लिंकेज 15 दिन के भीतर स्वीकृत किया जाए। मिलेट, हथकरघा, मसाला, डेयरी एवं फूड प्रोसेसिंग के औद्योगिक क्लस्टर बुंदेलखंड में स्थापित किए जाएं, ब्रांडिंग एवं पैकेजिंग के लिए स्थायी जिला स्तरीय प्रशिक्षण केंद्र बनाए जाएं एवं डिजिटल ट्रेनिंग और जेम पोर्टल लिंकिंग सभी एसएचजी महिलाओं के लिए अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाए और सभी सज महिलाओं को स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना बीमा और मातृत्व लाभ का स्वत: कवरेज दिया जाए।

झांसी और ललितपुर में कई गांव अब भी प्यासे

लोकसभा में नियम 377 के तहत सांसद ने जल जीवन मिशन (2022) के अधूरे कार्यों पर भी गहरी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि झांसी जिले के 648 गांवों के लिए योजना बनी थी, लेकिन 613 में से 213 गांव अभी भी पेयजल से वंचित हैं। ललितपुर के 556 गांवों में से 13 गांव अब भी नल से जल के इंतजार में हैं। सांसद ने कहा कि कई मल्टी-विलेज योजनाएं अधूरी हैं, जिससे ग्रामीण जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

अनुराग शर्मा ने संसद में यह भी बताया कि कई स्थानों पर पाइपलाइन उचित गहराई पर नहीं डाली गई। कुछ जगहों पर मुख्य मार्गों पर बिना एनओसी के पाइप बिछाए गए, जिससे सड़क मरम्मत, चौड़ीकरण और रखरखाव के कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि पाइपलाइन मानकों की जांच कराई जाए, अधूरी मल्टी-विलेज योजनाओं को तेजी से पूरा कराया जाए एवं रिसाव और सड़क क्षति की समस्याओं पर तत्काल कार्रवाई हो।

सांसद ने सदन में स्पष्ट कहा कि बुंदेलखंड जैसी भौगोलिक स्थिति वाले क्षेत्र में महिलाओं के आर्थिक अवसरों का विस्तार और सुरक्षित पेयजल व्यवस्था अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि केंद्र सरकार इन दोनों विषयों पर प्राथमिकता के साथ आवश्यक कदम उठाएगी, जिससे बुंदेलखंड का विकास तेज़ गति से आगे बढ़ सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / महेश पटैरिया