एमसीबी: सिविल अस्पताल में नवंबर में 577 मरीजों को मिला गुणवत्तापूर्ण उपचार
अंबिकापुर/एमसीबी, 3 दिसंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर हो रहे सुधार का सकारात्मक प्रभाव अब जमीनी स्तर पर स्पष्ट दिखाई देने लगा है। 220 बिस्तर क्षमता वाले सिविल चिकित्सालय मनेंद्रगढ़ ने नवंबर म
स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार


स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार


अंबिकापुर/एमसीबी, 3 दिसंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर हो रहे सुधार का सकारात्मक प्रभाव अब जमीनी स्तर पर स्पष्ट दिखाई देने लगा है। 220 बिस्तर क्षमता वाले सिविल चिकित्सालय मनेंद्रगढ़ ने नवंबर माह में उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करते हुए कुल 577 मरीजों का सफलतापूर्वक उपचार किया। यह उपलब्धि अस्पताल की कार्यक्षमता तथा स्थानीय नागरिकों के बढ़ते भरोसे का प्रतीक है।

स्वास्थ्य सुविधाओं में यह उल्लेखनीय प्रगति स्वास्थ्य मंत्री एवं स्थानीय विधायक श्याम बिहारी जायसवाल के सतत प्रयासों, संवेदनशील नेतृत्व और स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता का परिणाम मानी जा रही है। उनके मार्गदर्शन में अस्पताल में संसाधनों का विस्तार, अत्याधुनिक उपकरणों की उपलब्धता और विशेषज्ञ सेवाओं में लगातार सुधार हुआ है।

मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएँ रहीं अत्यंत प्रभावी

नवंबर माह के दौरान अस्पताल में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को विशेष बल मिला। 135 एएनसी (गर्भावस्था पूर्व जांच), 125 एएनसी(प्रसवोत्तर जांच) सफलतापूर्वक की गईं।

अस्पताल की प्रसूति सेवाओं की मजबूती का प्रमाण है कि इसी अवधि में- 103 सामान्य प्रसव, 19 सीजेरियन प्रसव सफलतापूर्वक कराए गए।

आपात एवं सामान्य रोगों के उपचार में भी रही तत्परता

अस्पताल में एनीमिया, बुखार, डायरिया, सड़क दुर्घटना से घायल मरीजों सहित आपात स्थितियों-जैसे साँप काटना, जहर सेवन, जलने की घटनाएँ-में भी चिकित्सा टीम ने त्वरित और प्रभावी उपचार सुनिश्चित किया।

स्वास्थ्य ढांचे को और मजबूत करने की निरंतर पहल

अस्पताल प्रशासन के अनुसार, चिकित्सा सुविधाओं में और सुधार करने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। बेहतर स्वास्थ्य ढांचा, मानवीय दृष्टिकोण और आधुनिक तकनीक के उपयोग से सिविल अस्पताल मनेंद्रगढ़ क्षेत्र का एक प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र बनकर उभर रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / पारस नाथ सिंह