आईआरसीटीसी वेबसाइट ने अप्रैल–अक्टूबर में 99.98 प्रतिशत अपटाइम दर्ज किया : अश्विनी वैष्णव
नई दिल्ली, 03 दिसंबर (हि.स.)। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि अप्रैल से अक्टूबर 2025 के बीच आईआरसीटीसी वेबसाइट का अपटाइम 99.98 प्रतिशत रहा, जो 2024-25 के 99.86 प्रतिशत की तुलना में बेहतर है। ‘अपटाइम’ का अर्थ किसी वेबसाइट या ऑनलाइन स
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव बुधवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान


नई दिल्ली, 03 दिसंबर (हि.स.)। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि अप्रैल से अक्टूबर 2025 के बीच आईआरसीटीसी वेबसाइट का अपटाइम 99.98 प्रतिशत रहा, जो 2024-25 के 99.86 प्रतिशत की तुलना में बेहतर है।

‘अपटाइम’ का अर्थ किसी वेबसाइट या ऑनलाइन सेवा का बिना रुके, बिना डाउन हुए लगातार चालू और उपलब्ध रहना है। यानी वेबसाइट 24 घंटे में जितने समय तक बिना रुकावट काम करती है, वह समय ‘अपटाइम’ कहलाता है। 99.98 प्रतिशत अपटाइम का मतलब है कि वेबसाइट पूरे समय लगभग बिना किसी तकनीकी बाधा के चलती रही।

रेल मंत्री ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि भारतीय रेलवे टिकटिंग प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए प्रशासनिक और तकनीकी दोनों स्तरों पर निरंतर सुधार कर रहा है। प्रशासनिक सुधारों में संदिग्ध यूज़र आईडी को निष्क्रिय करना, संदिग्ध पीएनआर को नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर रिपोर्ट करना और यूज़र आईडी का पुनः सत्यापन शामिल है, जबकि तकनीकी सुधारों के तहत अत्याधुनिक एंटी-बॉट तकनीक, उन्नत वेरिफिकेशन सिस्टम और अग्रणी कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (सीडीएन) का उपयोग किया जा रहा है।

मंत्री ने बताया कि आईआरसीटीसी की तकनीकी संरचना का नियमित थर्ड पार्टी ऑडिट भी किया जा रहा है ताकि वेबसाइट की विश्वसनीयता बढ़े और वास्तविक उपयोगकर्ताओं को तेज व सुगम टिकट बुकिंग का अनुभव मिल सके। उन्होंने कहा कि टिकटिंग के स्वरूप में बड़ा बदलाव हुआ है और ई-टिकटिंग अब कुल आरक्षित टिकटों का 87 प्रतिशत से अधिक हो चुका है। हालांकि असफल लेनदेन, विलंबित रिफंड और बुकिंग त्रुटियों से जुड़ी कुछ शिकायतें मिलती रहती हैं, लेकिन इनका त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा रहा है।

वैष्णव ने बताया कि आईआरसीटीसी वेबसाइट और मोबाइल ऐप एपीआई-आधारित तकनीक पर चलते हैं, जिसमें न्यूनतम डेटा एक्सचेंज होता है और इससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी टिकट बुकिंग तेज व सुचारू रहती है। उन्नत सीडीएन तकनीक स्थिर सामग्री को तेज और सुरक्षित तरीके से उपलब्ध कराती है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे में क्षमता वृद्धि और तकनीकी उन्नयन संसाधनों की उपलब्धता और तकनीकी–आर्थिक व्यवहार्यता के आधार पर लगातार जारी है।

खाद्य सेवाओं के संबंध में उन्होंने बताया कि रेलवे हर साल लगभग 58 करोड़ भोजन परोसता है और इनमें से औसतन मात्र 0.0008 प्रतिशत शिकायतें मिलती हैं। पिछले चार वर्षों में शिकायतों की जांच के बाद सेवा प्रदाताओं पर 2.8 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। खाद्य गुणवत्ता में सुधार के लिए रेलवे द्वारा कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें निर्दिष्ट बेस किचनों से भोजन आपूर्ति, आधुनिक किचनों की स्थापना, तैयारी प्रक्रिया की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरों का उपयोग, ब्रांडेड कच्चे माल का प्रयोग, बेस किचनों में फूड सेफ्टी सुपरवाइजर की नियुक्ति और ऑन-बोर्ड पर्यवेक्षकों की तैनाती शामिल है। इसके साथ ही खाद्य पैकेटों पर क्यूआर कोड, नियमित डीप क्लीनिंग, पेस्ट कंट्रोल, एफएसएसएआई प्रमाणन, थर्ड पार्टी ऑडिट तथा कैटरिंग स्टाफ का नियमित प्रशिक्षण भी किया जा रहा है।

मंत्री ने कहा कि शिकायत निवारण प्रणाली को सरल बनाने के लिए रेलवे ने रेल मदद पोर्टल को एकल शिकायत निवारण मंच के रूप में सुदृढ़ किया है। खाद्य गुणवत्ता से जुड़ी किसी भी शिकायत पर तुरंत और उचित कार्रवाई की जाती है। उन्होंने आश्वस्त किया कि भारतीय रेलवे यात्रियों को सुरक्षित, स्वच्छ और बेहतर गुणवत्ता वाला भोजन और सुगम टिकटिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार