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धर्मशाला, 03 दिसंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के छठे दिन बुधवार को नियम-130 पर दूसरे दिन भी चर्चा जारी रही। चर्चा का जबाव देते हुए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि मानसून सीजन में इस बार 1223 मिलीलीटर वर्षा हुई जोकि औसतन से 43 प्रतिशत अधिक रही है। मानसून में प्रदेश में 47 बादल फटे, 58 जगह बाढ़ की स्थिति बनी। विभिन्न घटनाओं में प्रदेश भर में 468 लोगों की मृत्यु हुई है जबकि 36 लापता हैं। इस दौरान 198 की सड़क दुर्घटना में मौत हुई है। राज्य में भूस्खलन की भी 500 से अधिक घटनाएं हुई। 1817 घर पूरी तरह, 8023 घर आंशिक, 518 दुकानें, 700 ढाबे, 25 हजार 755 मुर्गियां व अन्य पालतू जानवरों को भी नुकसान हुआ। सड़कों, बिजली व पानी, कृषि, बागबानी को भी बड़ा नुकसान हुआ है।
राजस्व मंत्री ने कहा कि आपदा राहत को लेकर कार्य किया जा रहा है, जिसमें 67 फीसदी हिस्सा वन भूमि के नाम अंकित है। ऐसे में मुख्यमंत्री की ओर से वन भूमि के उपयोग को लेकर प्रक्रिया चलाई जा रही है। प्रदेश में नदियों व खड्डों में गाद एकत्रित होने से क्षेत्रों के लिए खतरा बनी हुई है। जुलाई में आपदा राहत को लेकर राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग रखी गई, जिसे सदन में प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें 5500 करोड़ के नुकसान का आंकलन भेजा गया है, जिसमें अभी राहत राशि केंद्र से नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि केंद्र से विशेष आपदा राहत राशि मिलना अति जरूरी है। इसके बिना राज्य में राहत कार्य करने में बड़ी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। जगत सिंह नेगी ने बताया कि मंडी के लिए विशेष राहत पैकेज जारी किया गया था, जिसे अब पूरे राज्य में लागू किया गया है। इसमें एक मकान के नुकसान होने पर भी उसे राहत राशि प्रदान की जाएगी। मंत्री ने सदन में बात रखते हुए कहा कि राहत मैन्यूल में केंद्र के मुकाबले बढ़ी बढ़ोत्तरी की गई है। पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त एक लाख केंद्र व विशेष में सात लाख, आंशिक में चार हजार, पक्के घर में छह हजार का प्रावधान है। सामान के लिए 2500 की बजाय 70 हजार से अब एक लाख कर दिया गया है। किराएदार को 2500 के बजाय पांच हजार किये, फसल नुक्सान 680 रुपये देते है, चार हजार रुपये प्रति बीघा दिया जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया