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झाबुआ, 3 दिसंबर (हि.स.)। मानसिक रूप से विकलांग एवं मानसिक बीमार व्यक्तियों को समाज में विशेष सुरक्षा, संवेदना और सम्मान की आवश्यकता होती है। मानसिक बीमारी कोई कमजोरी नहीं बल्कि एक स्वास्थ्य अवस्था है, जिसका सही उपचार और सहयोग मिलने पर व्यक्ति सम्मानपूर्वक जीवन जी सकता है।
उक्त विचार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, जस्टिस शिव कुमार डावर ने अपने उद्बोधन में व्यक्त किए। वे विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय स्थित मदर टैरेसा आश्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में बुधवार को आयोजित शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में उद्बोधन कर रहे थे।
उक्त विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ श्रीमती विधि सक्सेना के मार्गदर्शन एवं संरक्षण में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ के तत्वाधान में मानसिक बीमारी और बौद्धिक अक्षमता वाले व्यक्तियों के लिए कानूनी सेवाएं योजना-2024 अंतर्गत आयोजित किया गया था।
जस्टिस शिवकुमार ने अपने उद्बोधन में आगे कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 ऐसे व्यक्तियों को समान अवसर, गरिमा, उचित इलाज, सुरक्षित वातावरण तथा भेदभाव से संरक्षण प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि मानसिक बीमारी कोई कमजोरी नहीं बल्कि एक स्वास्थ्य अवस्था है, जिसका सही उपचार और सहयोग मिलने पर व्यक्ति सम्मानपूर्वक जीवन जी सकता है। डावर ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दिव्यांग एवं मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों को निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है, ताकि वे अपने अधिकारों का संरक्षण कर सकें।
आयोजित शिविर में जिला विधिक सहायता अधिकारी जयदेव माणिक द्वारा दिव्यांग जनों को उनके कानूनी अधिकारों सहित सरकारी योजनाओं, उपचार संबंधी प्रावधानों तथा हिंसा या प्रताड़ना से सुरक्षा के विषय में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम में मदर टैरेसा आश्रम की सिस्टर्स, स्टॉफ एवं दिव्यांग जन मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. उमेश चंद्र शर्मा