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-भंडारण क्षमता और खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ाने से फसलों के नुकसान में कमी
लखनऊ, 03 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने किसानों की आय में वृद्धि के लिए बीज से बाजार तक एक मजबूत और एकीकृत मूल्य श्रृंखला का निर्माण किया है। अन्नदाता को फसल उगाने से लेकर बाजार तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने पिछले साढ़े 8 वर्ष में बड़े फैसले लिए हैं। उत्तर प्रदेश में आधुनिक और किसान-केंद्रित मॉडल बनाया गया है।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के अनुसार सरकार के प्रयासों से कृषि विकास दर वर्ष 2016-17 में 8.6% से बढ़कर वर्ष 2024-25 में 17.7% हो गयी है। राज्य प्रति वर्ष 400 लाख टन फल एवं सब्जियों का उत्पादन करते हुए देश में प्रथम स्थान पर है। वर्तमान सरकार केवल अनाज उगाने तक नहीं, बल्कि किसानों को लगातार आय के नए साधन विकसित करने की पूरी व्यवस्था बना रही है। मोबाइल ऐप के द्वारा किसानों को निशुल्क मृदा स्वास्थ्य कार्ड मिल रहा है। किसानों के खेत की मिट्टी का जो स्वास्थ्य कार्ड बनता है, उसमें उनके मिट्टी के बारे में पूरी जानकारी रहती है।
उन्हाेंने बताया कि किसानों के लिए सबसे बड़ा बदलाव योगी सरकार द्वार एमएसपी की समय समय पर समीक्षा करना है। इस बार साधारण धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,369 रुपये प्रति कुंतल तथा ग्रेड ए धान का मूल्य 2,389 रुपये प्रति कुंतल तय किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 69 रुपये अधिक है। अगेती प्रजाति के गन्ने का मूल्य 400 रुपये प्रति कुंतल तथा सामान्य प्रजाति के गन्ने का मूल्य 390 रुपये प्रति कुंतल किया गया है। इससे किसानों की आय में वृद्धि हो रही है।
उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए यूपी एग्रीस प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इसका लक्ष्य खेत की पैदावार बढ़ाना, किसानों को आधुनिक तरीकों से जोड़ना और गांवों में कृषि-आधारित रोजगार के नए रास्ते खोलना है। मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के तहत किसानों को सस्ती ब्याज दर पर कर्ज उपलब्ध कराया जा रहा है। किसानों के हित में किसान क्रेडिट कार्ड का दायरा और बड़ा कर दिया गया है। इस साल 25 लाख नए किसानों को केसीसी देने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके साथ ही 50% सब्सिडी योजना चलाई जा रही है। इससे ट्रैक्टर, कटाई मशीन, ड्रोन और फसल अवशेष प्रबंधन उपकरण आधी कीमत में उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को बाजार भाव एवं मौसम की जानकारी प्रतिदिन निशुल्क उपलब्ध करायी जा रही है। किसानों का रजिस्ट्रेशन करते हुए 1.45 करोड़ से ज्यादा फार्मर कार्ड आईडी निर्गत की गयी है। महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सीडलिंग का उत्पादन किया जा रहा है, जिससे लगभग 60 हजार महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। लखनऊ में 251 करोड़ की लागत से भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर एक सीड पार्क की स्थापना की जा रही है।
योगी सरकार के प्रयासों से प्रदेश में 4000 से अधिक सक्रिय खरीद केंद्रों की स्थापना अपने आप में एक क्रांतिकारी कदम है। इनमें से 35 से 40 फीसद केंद्र उन ब्लॉकों में खोले गए, जहां दशकों से किसानों को कोई स्थाई खरीद सुविधा नहीं थी। अब गांव के पास ही खरीद व्यवस्था होने से परिवहन खर्च कम हुआ, फसल की त्वरित बिक्री हुई और किसानों को बाजार भाव में उतार-चढ़ाव का डर नहीं रहा।
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन