श्री गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाओं और सर्वोच्च बलिदान पर प्रकाश डाला
कठुआ, 03 दिसंबर (हि.स.)। राजकीय डिग्री कॉलेज हीरानगर ने जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी के सहयोग से काॅलेज परिसर में गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन
Highlights the teachings and supreme sacrifice of Shri Guru Tegh Bahadur Ji


कठुआ, 03 दिसंबर (हि.स.)। राजकीय डिग्री कॉलेज हीरानगर ने जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी के सहयोग से काॅलेज परिसर में गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जिसके बाद प्राचार्य डॉ. प्रज्ञा खन्ना ने स्वागत भाषण दिया, जिसमें उन्होंने सांस्कृतिक विरासत के महत्व पर बल दिया और गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाओं और सर्वोच्च बलिदान पर प्रकाश डाला। डॉ. सुखविंदर सिंह ने मुख्य भाषण दिया और गुरु तेग बहादुर जी की ऐतिहासिक परिस्थितियों और शहादत पर गहन अंतर्दृष्टि प्रदान की। कार्यक्रम में जंग एस वर्मन और विभिन्न छात्रों द्वारा काव्य पाठ प्रस्तुत किया गया, जबकि जीडीसी हीरानगर की युवा पीढ़ी ने गुरु जी के जीवन, व्यक्तित्व, बलिदान और मानवता के प्रति योगदान को व्यक्त करते हुए सुंदर और भावनात्मक रूप से समृद्ध पद प्रस्तुत किए। कुछ विद्यार्थियों ने भक्ति गीत भी प्रस्तुत किए और वायलिन वादन के माध्यम से भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की, जिससे कार्यक्रम में एक भावपूर्ण आयाम जुड़ गया। इसके अतिरिक्त डॉ. मनप्रीत कौर ने एक शोध पत्र प्रस्तुत किया और पोपिंदर सिंह पारस ने अकादमी की गतिविधियों और गुरु तेग बहादुर जी के दर्शन की समकालीन प्रासंगिकता पर सार्थक अंतर्दृष्टि साझा की। हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. राकेश शर्मा ने भी गुरु जी के जीवन, बलिदान और मानवता के प्रति उनके अमूल्य योगदान पर व्याख्यान दिया, जिससे संगोष्ठी और समृद्ध हुई। पुरुषोत्तम कुमार और त्रिलोक सिंह के मार्गदर्शन में अकादमी के प्रकाशनों पर आधारित एक पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन पंजाबी विभागाध्यक्ष डॉ. बलविंदर कौर ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनुपमा अरोड़ा ने किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया