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- खिलाड़ियों ने खेल मंत्रालय का जताया आभार
नई दिल्ली, 03 नवम्बर (हि.स.)। थाईलैंड के पटाया में 23 नवम्बर से शुरू हुई एफईआई एशियन इक्वेस्ट्रियन चैंपियनशिप 2025 में भारत ने अपने अभियान का शानदार समापन किया। बुधवार को भारतीय दल ने कुल 05 पदक जीतकर इतिहास रच दिया। यह इस एशियाई चैंपियनशिप का केवल दूसरा संस्करण था और खास बात यह रही कि भारत ने पहली बार इसमें हिस्सा लेते हुए प्रभावशाली प्रदर्शन किया।
इवेंटिंग में स्वर्ण, ड्रेसाज में तीन रजत
वेंटिंग स्पर्धा में टारगेट एशियन गेम्स ग्रुप (TAGG) स्कीम के एथलीट आशीष लिमये ने शानदार प्रदर्शन करते हुए व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता। इसके साथ ही उन्होंने शशांक सिंह कटारिया और शशांक कनमुरी के साथ मिलकर टीम स्पर्धा में रजत भी भारत के नाम किया।
ड्रेसाज में भारतीय दावेदार श्रुति वोरा प्रतियोगिता की स्टार रहीं। उन्होंने तीन रजत पदक जीते—एक व्यक्तिगत स्पर्धा में, दूसरा इंटरमीडिएट फ्रीस्टाइल–I में और तीसरा टीम ड्रेसाज में। टीम स्पर्धा में TAGG एथलीट दिव्यकृति सिंह, गौरव पुंडीर और श्रुति वोरा शामिल थीं।
खिलाड़ियों ने जीत को बताया भावुक पल
स्वर्ण पदक विजेता आशीष लिमये ने कहा, यह जीत हमारे लिए बेहद भावुक करने वाली है। पिछली एशियन गेम्स में परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं थे, इसलिए यह हमारे लिए बड़ी राहत और पुनर्स्थापना जैसा क्षण है। खेल मंत्रालय और आयोजकों ने हर कदम पर बेहतरीन सहयोग दिया।”
उन्होंने अपने घोड़े ‘विली बी डन’ की भूमिका की भी सराहना की और कहा कि उनके बिना यह सफलता संभव नहीं थी।
सरकार ने 2.73 करोड़ रुपये की सहायता दी
टाया में आयोजित चैंपियनशिप के लिए 16 सदस्यीय भारतीय दल पूरी तरह सरकारी खर्च पर भेजा गया।
खेल मंत्रालय ने ANSF स्कीम के तहत ₹2.73 करोड़ का प्रावधान किया, जिसमें शामिल थे— 12 घोड़ों के एयर और रोड ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था,
क्वारंटीन, देखभाल, फीड एवं बेडिंग ; बीमा, वेटरनरी सुपरविजन और फरियर सेवाएँ; खिलाड़ियों व कोचों के यात्रा, वीज़ा, आवास, बीमा और प्रवेश शुल्क; SAI की TAGG स्कीम के तहत आशीष, शशांक और दिव्यकृति को विशेष प्रशिक्षण, उपकरण और हॉर्स-केयर सपोर्ट प्रदान किया गया।
TAGG एथलीट दिव्यकृति सिंह ने भी जताया आभार
दिव्यकृति सिंह ने कहा, “इक्वेस्ट्रियन एक महंगा खेल है। सरकार की TAGG और TOPS जैसी योजनाएँ हमारे लिए बेहद सहायक साबित होती हैं। पूरे वर्ष यूरोप में ट्रेनिंग और कंपटीशन की सुविधा मिली, जिसका परिणाम रजत पदक के रूप में सामने आया।”
उन्होंने यह भी बताया कि चैंपियनशिप में शुरुआती दिनों में कुछ चुनौतियाँ आईं, लेकिन SAI की टीम ने तुरंत सहायता प्रदान कर सभी समस्याएँ सुलझा दीं।
ऐतिहासिक उपलब्धि
अपने पहले ही प्रयास में 5 पदक जीतकर भारत ने एशियन इक्वेस्ट्रियन चैंपियनशिप के मंच पर मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। यह उपलब्धि न केवल खिलाड़ियों के समर्पण का प्रमाण है, बल्कि खेल मंत्रालय और SAI की योजनाओं द्वारा दिए गए सुदृढ़ समर्थन का भी परिणाम है।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय