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सीतापुर, 3 दिसंबर (हि.स.)। विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण अभियान में ढिलाई बरतने वाले दो लेखपालों को एसडीएम सदर द्वारा अपने चैम्बर में देर शाम तक बैठाकर काम कराने के मामले ने बुधवार रात को बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। मामला तब गरमाया जब सूचना पाकर लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष ओमकार तिवारी कुलदीप रस्तोगी स्वयं एसडीएम कार्यालय पहुंचे। लेखपालों का आरोप है कि एसडीएम सदर ने उन्हें भी कमरे में बैठा लिया देर शाम दोनों उपजिलाधिकारी के चैम्बर से बाहर आकर धरने पर बैठ गए। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एसडीएम सदर धामिनी एम दास द्वारा लेखपालों को बंधक बनाकर काम कराया जा रहा है।
खबर फैलते ही एसडीएम कार्यालय के बाहर सदर व हरगांव तहसील के लेखपाल एकत्र होकर धरने पर बैठ गए।
लेखपाल संघ के अध्यक्ष ओमकार तिवारी,महामंत्री अवध यादव,अंजनी सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्या तिवारी के नेतृत्व में एसडीएम सदर के खिलाफ नारेबाजी होने लगी
जिन दो लेखपालों से काम लिया जा रहा था वे रमाकांत और दीपक कुमार,एसडीएम के अनुसार इनके काम मे लापरवाही हो रही थी।
वहीं एसडीएम सदर ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि दोनों लेखपाल एसआईआर अभियान में लगातार शिथिलता बरत रहे थे। खासकर दीपक कुमार के बारे में बताया कि वे “काम में रुचि नहीं दिखाते, फोन तक रिसीव नहीं करते।” एसडीएम का कहना है कि शासन के सख्त निर्देशों के तहत लापरवाही पर कार्रवाई अनिवार्य है, इसलिए दोनों को बुलाकर चैम्बर में बैठकर लंबित काम पूरा कराने को कहा गया था, न कि बंधक बनाया गया।
वहीं एसडीएम सदर धामिनी एम दस ने बताया कि अगर मेरा चैम्बर ही जेल है, तो मैं भी उसी जेल में बैठी हूं।
लेखपालों द्वारा दिए जा रहे धरने में लगाए गए आरोपों पर उन्होंने
बताया कि चैम्बर में लगे कैमरों में स्पष्ट दिख रहा है कि दोनों कर्मचारियों के लिए खाना-पानी की पूरी व्यवस्था की गई और जो काम एक हफ्ते में होना था, वह आज पूरा हो गया।
वहीं चैम्बर से बाहर आए लेखपाल रमाकांत ने दावा किया कि उन्हें मीटिंग के बहाने बुलाया गया, फिर काम पूरा करने को कहा गया।” वहीं दीपक कुमार ने कहा कि बच्चे की तबियत खराब थी, दवा लेने जाना था,लेकिन उन्हें रोका गया।
उधर लेखपाल संघ की और से एसडीएम सदर की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। लेखपालों ने बताया कि उनके द्वारा आए दिन बैठकों में अभद्रता की जाती है। बातचीत में गलत भाषा की जा रही है।
अगली रणनीति तय करने के लिए बैठक कर रहा है, जिसकी वजह से प्रशासनिक गलियारों में तनाव और बढ़ गया है। मामला जिले में अभियान की प्रगति बनाम कर्मचारियों के उत्पीड़न की बहस में बदल चुका है।
समाचार भेजे जाने तक सीतापुर तहसील परिसर में लेखपालों का धरना जारी था लेखपालों की मांग है कि उनका धरना तभी समाप्त होगा जब एसडीएम सदर को हटाया जाए। धरने में सीतापुर एवं हरगांव विधानसभा अंतर्गत लेखपाल शामिल हैं। जानकारी हो कि इन दोनों विधानसभा में मतदाता पुनर्निरीक्षण का कार्य एसडीएम सदर की देखरेख में है।समाचार भेजे जाने तक तहसील में कोतवाल एवं तहसीलदार द्वारा लेखपालों को मनाने का प्रयास किया जा रहा है भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Mahesh Sharma