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- एनआरआर पॉलिसी से प्रवासी राजस्थानियों से सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्ते होंगे प्रगाढ़
- राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी से छोटे व्यापारियों को भी मिलेंगे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे अवसर
- राजस्थान जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) अध्यादेश 2025 का अनुमोदन, 11 अधिनियमों से हटेंगे कारावास के प्रावधान
जयपुर, 03 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) अध्यादेश- 2025 लाने, प्रवासी राजस्थानियों के योगदान और जुड़ाव को बढ़ाने के लिए प्रवासी राजस्थानी नीति-2025, छोटे व्यापारियों को अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी और पर्यटन में निवेश को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान पर्यटन नीति के अनुमोदन सहित कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कैबिनेट में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए पत्रकार वार्ता में बताया कि विभिन्न अधिनियमों में मामूली उल्लंघन या तकनीकी गलती के लिए कारावास जैसे आपराधिक दण्ड हटा कर उनके स्थान पर पेनल्टी के प्रावधान करने का निर्णय किया है। इससे ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलने के साथ ही वादकरण में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए भारत सरकार के जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अधिनियम-2023 की तर्ज पर राज्य में भी राजस्थान जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) अध्यादेश 2025 के प्रारूप को मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि इस अध्यादेश द्वारा 11 अधिनियमों में से आपराधिक प्रावधान हटाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान वन अधिनियम-1953 में धारा 26 (1) (ए) में वन भूमि में मवेशी चराने पर कारावास का प्रावधान था। अब तक इस पर 6 माह तक कारावास या 500 रुपये तक जुर्माने अथवा दोनों दण्ड का प्रावधान था। संशोधन के बाद अब इस उल्लंघन पर जुर्माना ही लगाया जाएगा। वन को हुए नुकसान के लिए वन अधिकारी द्वारा नियमानुसार निर्धारित क्षतिपूर्ति भी देनी होगी। इस संशोधन से उन आदिवासियों एवं ग्रामीणों को लाभ होगा जो अनजाने में मवेशी चराते हुए वन भूमि में प्रवेश कर जाते हैं।
पटेल ने बताया कि राजस्थान राज्य सहायता (उद्योग) अधिनियम-1961 में सहायता प्राप्त करने वाले उद्योग के प्रभारी पर मामूली प्रक्रियात्मक अपराधों, जैसे कि बहीखाते, खाते या अन्य दस्तावेज निरीक्षण के लिए प्रस्तुत न करने पर कारावास का प्रावधान था। इन आपराधिक प्रावधानों को अब अधिनियम से हटा कर अर्थदण्ड तक सीमित किया जा रहा है।
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि जयपुर वाटर सप्लाय एण्ड सीवरेज बोर्ड अधिनियम-2018 में जल की बर्बादी, दुरुपयोग, गैर-घरेलू कार्यों के लिए उपयोग, बोर्ड की सीवरेज लाइन में रुकावट डालने, बिना लिखित अनुमित सीवरलाइन से कनेक्शन जोड़ने आदि पर कारावास का प्रावधान था, जिसे हटाते हुए अर्थदण्ड के प्रावधान तक सीमित किया जा रहा है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि बदलते समय के अनुरूप प्रवासी राजस्थानियों के राज्य के साथ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक जुड़ाव को मजबूत करने के उद्देश्य से अनुमोदित नॉन-रेजिडेंट राजस्थानी पॉलिसी ऑफ राजस्थान-2025 निवेश, व्यापार, ज्ञान के आदान-प्रदान, शोध और सामाजिक सरोकारों में एनआरआर के योगदान को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल माहौल तैयार करेगी। एनआरआर नीति प्रवासी राजस्थानियों के निवेश को गति देने के लिए राज्य में एक बेहतर इकोसिस्टम का निर्माण करेगी। निवेश से संबंधित सभी प्रक्रियाओं के समन्वय हेतु एनआरआर इन्वेस्टमेंट फेसिलिटेशन सेल स्थापित की जाएगी, जिसमें इन्वेस्टमेंट लायजन ऑफिसर्स निवेश प्रस्तावों की निगरानी, प्रवासी मिलन कार्यक्रमों का आयोजन और विभागीय समन्वय सुनिश्चित करेंगे।
उन्होंने बताया कि राजस्थान फाउंडेशन चैप्टर्स में इन्वेस्टमेंट कॉर्डिनेटर्स नियुक्त किए जाएंगे, जो निवेश लीड्स की पहचान और राज्य सरकार की नीतियों और योजनाओं की जानकारी साझा करेंगे। प्रवासी विशेषज्ञों और व्यावसायिक नेताओं के सहयोग से एनआरआर इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी काउन्सिल्स गठित होंगी, जो नीतिगत सुझाव और सेक्टरवार निवेश रोडमैप तैयार करेंगी। प्रवासी समुदाय के योगदान को सम्मानित करने के लिए प्रवासी राजस्थानी दिवस तथा प्रवासी राजस्थानी सम्मान अवार्ड्स का भव्य रूप में आयोजन किया जाएगा। डायस्पोरा डाटाबेस तैयार कर प्रवासियों के स्थान, कौशल, व्यवसाय और निवेश क्षमता जैसी जानकारी संकलित की जाएगी। नीति के अंतर्गत प्रवासियों के लिए ग्लोबल यूथ कनेक्ट, सेलिब्रेट राजस्थान, डायस्पोरा फॉर डवलपमेंट जैसे नवाचार किए जाएंगे। प्रवासी राजस्थानियों की परेशानियों के निराकरण के लिए एक व्यवस्थित शिकायत निवारण और समन्वय तंत्र स्थापित किया जाएगा।
गोदारा ने बताया कि बड़े ट्रेड, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म व लॉजिस्टिक नेटवर्क जैसे समान अवसर छोटे व्यापारियों को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी-2025 को कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई। इससे राज्य का खुदरा और थोक व्यापार सशक्त होगा। यह नीति राज्य में 10.5 लाख से अधिक रिटेल स्टोर्स और तेजी से बढ़ते उपभोक्ता बाजार को ध्यान में रखते हुए व्यापार क्षेत्र में निवेश बढ़ाने, रोजगार सृजन करने, छोटे ट्रेडर्स को बाजार एवं ऋण तक आसान पहुंच उपलब्ध करवाने तथा खुदरा व थोक व्यापार में एमएसएमई उद्यमों के विकास के लिए कार्य करेगी।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने बताया कि मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदित राजस्थान पर्यटन नीति-2025 में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहन, पर्यटन अवसंरचना के विकास, प्रमुख पर्यटन स्थलों की कनेक्टिविटी सुधार, स्वच्छता एवं सुरक्षा, डिजिटल सुविधाओं का विस्तार, ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग को मजबूत करने, कौशल विकास को बढ़ावा देने तथा पर्यटन इकाइयों के लिए अनुकूल परिवेश तैयार करने पर बल दिया गया है।
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि किशनगढ़ हवाई अड्डे के लिए अतिरिक्त 15 एकड़ भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दी गई। इससे बड़े विमानों के सिंगल साइड ऑपरेशन हेतु 900 मीटर लंबी एप्रोच लाइट्स (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) की स्थापना हो सकेगी।
पटेल ने बताया कि मृतक सरकारी कर्मचारी के आश्रित को वर्तमान नियमों में अनुकम्पा नियुक्ति हेतु सरकारी कार्मिक की मृत्यु के दिनांक से 90 दिन की समय सीमा में आवेदन करना होता है। अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन करने की समय सीमा को 90 दिवस से बढ़ा कर 180 दिवस करने का निर्णय मंत्रिमंडल द्वारा किया गया। इसके लिए राजस्थान मृत सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति के नियम, 1996 में संशोधन किया जाएगा।
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि अब आरक्षित सूची से प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के नामों की अनुशंसा छह माह के स्थान पर एक वर्ष के भीतर की जा सकेगी। इसके लिए विविध सेवा नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई। इस संशोधन से एक ही भर्ती में अधिक संख्या में अभ्यर्थियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।
पटेल ने बताया कि राजस्थान परिवहन अधीनस्थ सेवा नियम, 1963 में मोटर वाहन उप निरीक्षक पद की सीधी भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता में संशोधन किया जा रहा है। अब तक मोटर वाहन उप निरीक्षक पद की सीधी भर्ती के लिए सैकेंडरी परीक्षा उत्तीर्ण के साथ ऑटोमोबाइल अथवा मैकेनिकल इंजीनियरिंग में 3 वर्षीय डिप्लोमा धारक या समकक्ष योग्यता रखने वाले अभ्यर्थी ही पात्र थे। संशोधन के बाद अब उच्चतर योग्यता वाले अभ्यर्थी भी इस पद के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे। साथ ही, ऑटोमोबाइल वर्कशॉप के एक वर्षीय अनुभव की अनिवार्यता एवं परिवहन यान श्रेणी के लाईसेन्स धारक होने की अनिवार्यता समाप्त की गई है, जिससे अधिकाधिक अभ्यर्थियों को अध्ययन पूरा करने के तत्काल बाद ही आवेदन करने का अवसर प्राप्त हो सकेगा।
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि मृत अथवा स्थायी रूप से अशक्त सशस्त्र बल सेवा कार्मिकों और पैरा मिलिट्री कार्मिकों के आश्रितों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति दिये जाने संबंधी 7 दिसम्बर 2022 की अधिसूचना, 8 अगस्त 2022 को जारी उत्तराखंड त्रासदी-2013 में मृत या लापता होने के पश्चात मृत घोषित किये गये व्यक्तियों के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति की अधिसूचना और कोविड-19 संक्रमण के कारण अनाथ हुए व्यक्तियों को अनुकम्पा नियुक्ति देने के लिए 6 फरवरी 2024 को जारी अधिसूचना को विविध सेवा नियमों में शामिल किया गया है। इन अधिसूचनाओं के प्रावधानों को अब राजस्थान अनुसूचित क्षेत्र अधीनस्थ, लिपिकवर्गीय और चतुर्थ श्रेणी सेवा (भर्ती एवं सेवा की अन्य शर्तें) नियम, 2014 में शामिल किया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संदीप