अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ रजत जयंती 2025 के अवसर पर संभागीय वैद्य सम्मेलन आयोजित
- पारंपरिक चिकित्सा और औषधीय पौधों के संरक्षण पर हुए महत्वपूर्ण विमर्श
सम्भागीय वैद्य सम्मेलन


संभागीय वैद्य सम्मेलन


अंबिकापुर, 3 दिसंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ रजत जयंती 2025 के उपलक्ष्य में विभागीय कार्यक्रमों की श्रृंखला के अंतर्गत सरगुजा वनमंडल, अंबिकापुर द्वारा बुधवार को काष्ठागार नीलाम हाल में संभागीयस्तरीय वैद्य सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ लुण्ड्रा के विधायक प्रबोध मिंज तथा जिला पंचायत अध्यक्ष नीरूपा सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।

वनमंडलाधिकारी सरगुजा अभिषेक जोगावत ने सम्मेलन एवं हर्बल मेले के उद्देश्य, गतिविधियों और पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण के महत्व पर विस्तृत जानकारी दी। सम्मेलन में संभाग स्तर से 110 प्रतिभागियों ने सहभागिता की।

कार्यक्रम में अर्जुन छाल, गिलोय, दहिमन छाल, चिरायता, हड़जोड़, संजीवनी जैसे कच्चे औषधीय पदार्थों तथा हर्रा चूर्ण, त्रिफला चूर्ण, शहद सहित विभिन्न वन उत्पादों का प्रदर्शनी के रूप में प्रदर्शन किया गया। सम्मेलन में औषधि पादप बोर्ड की योजनाओं के साथ औषधीय पौधों के संरक्षण, संवर्धन और सतत उपयोग पर विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन दिया गया।

कार्यक्रम के दौरान लुण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज ने हर्बल प्रदर्शनी का निरीक्षण कर उपस्थित वैद्यों से संवाद किया तथा पारंपरिक चिकित्सा के बढ़ते महत्व और इसके प्रोत्साहन पर अपने विचार साझा किए। जिला पंचायत अध्यक्ष निरूपा सिंह ने अपने संबोधन में परंपरागत चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने और नई पीढ़ी को इसके महत्व से अवगत कराने पर बल दिया। वैद्यों द्वारा पारंपरिक पद्धतियों और अनुभवों का आपसी आदान-प्रदान भी किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / पारस नाथ सिंह