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पटना, 18 दिसंबर (हि.स.)। बिहार जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने गुरुवार को बयान जारी करते हुए कहा कि अल्पसंख्यक समाज के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक उत्थान में नीतीश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं मील का पत्थर साबित हुई हैं। उन्होंने कहा कि जो समाज 2005 से पहले उपेक्षित महसूस कर रहा था, आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ईमानदार और दूरदर्शी प्रयासों से विकास की मुख्यधारा में पूर्ण रूप से शामिल हो गया है।
प्रदेश अध्यक्ष ने आज बयान जारी कर कहा कि बीते 20 वर्षों में नीतीश सरकार ने अल्पसंख्यक समाज के हित में कई ठोस और ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। इनमें अल्पसंख्यक कल्याण छात्रवास योजना, इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग, उर्दू शिक्षकों की बहाली, मदरसा शिक्षकों का वेतनमान, मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजना, तालिमी मरकज़ की स्थापना और मदरसों में गुणवत्तापूर्ण व आधुनिक शिक्षा की व्यवस्था शामिल हैं। इसके साथ ही 8,000 से अधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम पूरा किया गया है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के तहत, सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले अल्पसंख्यक अभ्यर्थियों को 1 लाख रुपये और संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा में सफल होने पर 50,000 रुपये की एकमुश्त धनराशि प्रदान की जाती है। इससे युवाओं को सरकारी सेवाओं में प्रवेश और आगे की पढ़ाई में मदद मिलती है।
उन्हाेंने कहा कि ये योजनाएं मुस्लिम समाज के सशक्तिकरण और विकास की दिशा में नीतीश सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। 2005 की तुलना में अल्पसंख्यक कल्याण का बजट 285 गुना बढ़ चुका है। ये आंकड़े साफ़-साफ़ दिखाते हैं कि हमारे नेता केवल भाषण नहीं देते, वे सुशासन की नीति पर चलते हुए सभी वर्गों की भलाई के लिए निरंतर काम करते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / चंदा कुमारी