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जैसलमेर, 18 दिसंबर (हि.स.)। विजय दिवस के अवसर पर जैसलमेर के सीमाजन छात्रावास में आयोजित 'सीमाएं हमें रखें सुरक्षित' विषयक विचार गोष्ठी में स्कूल और कॉलेज में अध्ययनरत छात्रों ने राष्ट्र की सुरक्षा का संकल्प लेते हुए सीमांत गांवों में सुरक्षा की दूसरी पंक्ति के तौर पर सक्रिय तंत्र खड़ा करने की शपथ ली। सीमाजन कल्याण समिति द्वारा आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में सीमा जागरण मंच के राष्ट्रीय सहसंयोजक नीम्बसिंह ने कहा कि देश हमें बहुत कुछ देता है। हम भी देश को कुछ देना सीखें। इसी तर्ज पर सीमावर्ती क्षेत्र के युवा भी पाकिस्तान की ओर से प्रायोजित घुसपैठ और तस्करी के साथ जासूसी के नेटवर्क को तोडऩे में पुलिस और सुरक्षा बलों की मदद कर सकते हैं।
उन्होंने पश्चिमी राजस्थान की सीमा पर तस्की और ड्रग्स के फैलते कारोबार पर चिंता जताते हुए कहा कि युवा पीढ़ी को नशे की लत से दूर रहना होगा। इस संबंध में लोगों को जागरुक करने की आवश्यकता है।
संगठित समाज से बढ़ता है मनोबल
मुख्य वक्ता ने विजय दिवस के अवसर पर 1971 में लोंगेवाला युद्ध को याद करते हुए कहा कि इस दौरान सीमावर्ती नागरिकों ने सेना का भरपूर साथ दिया था। नीम्बसिंह ने कहा कि युद्ध हमेशा सेना और सरकार लड़ती है लेकिन मजबूत व संगठित समाज से सेना व सरकार का मनोबल बढ़ता है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जितेन्द्रसिंह सांदू ने कहा कि जैसलमेर सहित समूचा राजस्थान वीर प्रसूता भूमि रहा है। कालांतर में यहां के लोगों ने युद्धों में पराक्रम व कौशल दिखाया है, वैसा उदाहरण विश्व में और कहीं नहीं मिलता है। वर्तमान में भी विपरीत परिस्थितियों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लोग मुस्तैदी से डटे हुए हैं। सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी विजय कुमार ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीमावर्ती लोगों के साथ सीमाजन कार्यकर्ताओं के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि सीमा सुरक्षा बल मजबूती से तैनात है। पाकिस्तान की किसी भी नापाक हरकत का जवाब देने में हम सक्षम हैं। इस अवसर पर संघ के विभाग संघचालक अमृतलाल दैया सहित शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / चन्द्रशेखर