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त्रिचेन्दूर, 18 दिसंबर (हि.स.)। समुद्र किनारे स्थित त्रिचेन्दूर के अरुल्मिगु सुब्रमण्य स्वामी मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के समुद्र में
नहाने पर राेक लगा दी है। प्रशासन ने यह निणर्य समुद्र के पानी के प्रदूषित हाेने और ज्वार-भाटा के चलते लाेगाें के घायल हाेने
की घटनाएं बढ़ने के बाद लिया है। इसके साथ ही श्रद्धालुओं के लिए मंदिर प्रशासन ने कुछ नियम भी लागू किए हैं।
तमिल देवता मुरुगप्पेरुमान (मुरुगन) के छह पवित्र स्थानों में से दूसरे स्थान नंबर के अरुल्मिगु सुब्रमण्य स्वामी मंदिर
थूथुकुडी जिले (तूतुकुडी) में बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित है। भगवान मुरुगन का यह मंदिर एकमात्र है जो समुद्र किनारे है। अन्य पांच पहाड़ियों पर हैं। यहां कंध शष्ठी उत्सव, अवनति तिरुविजा, मासितिरुविजा सहित कई प्रकार के उत्सवों के बड़े आयोजन होते हैं।
मंदिर प्रशासन का कहना है कि तिरुचेंदूर समुद्र तट पर समुद्र का पानी का आना और फिर सामान्य स्थिति में लौट जाना जैसी घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। समुद्री ज्वार के कारण लगभग 5 फीट गहरा गड्ढा बन गया है। इस वजह से मंदिर प्रशासन ने समुद्र में श्रद्धालुओं के नहाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा मंदिर के समुद्र तट क्षेत्र में से लेकर अय्या मंदिर तक लगभग 500 मीटर तक समुद्र का पानी 100 फीट तक अंदर आ जाता है, इसे देखते सुरक्षा के तौर पर मंदिर के सामने के पायदान क्षेत्र से लेकर 200 फीट लंबाई तक तारों के माध्यम से रोक लगाई गई है। इसके अलावा समुद्र के कटाव वाले क्षेत्र में भी श्रद्धालु नहीं जा सकते। समुद्र तट पर रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक कोई भी नहीं रह सकता।
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हिन्दुस्थान समाचार / Dr. Vara Prasada Rao PV